छत्तीसगढ़ कैबिनेट के निर्णय- अनुसूचित जाति और जनजाति मे शामिल होने से वंचित जातियों को सुविधा प्रदान करने, ऊर्जा, वन्यजीव पर फोकस

रायपुर, 18 जून 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज हुई छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति देना है। इन निर्णयों में शिक्षा में समानता, अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा, वन्यजीव संरक्षण और रोजगार के अवसरों में वृद्धि पर विशेष जोर दिया गया।
शिक्षा और सामाजिक कल्याण
मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियों को सुविधाएं प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत, डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव, पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समकक्ष तथा डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समकक्ष राज्य मद से छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति प्रदान की जाएगी। साथ ही, उन्हें छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीटों के अधीन प्रवेश की सुविधा भी मिलेगी।
एक अन्य निर्णय में, अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था “रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर” की सहयोगी संस्था “विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास)” को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में विलय करने का अनुमोदन किया गया। इसके अतिरिक्त, बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में उद्यानिकी महाविद्यालय (उद्यानिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना के लिए राजगामी संपदा की 100 एकड़ भूमि निःशुल्क उद्यानिकी विभाग को प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा
छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) के माध्यम से यह सहायता दी जाएगी। 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल ₹45,000 (₹30,000 केंद्रीय और ₹15,000 राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए ₹1,08,000 (₹78,000 केंद्रीय और ₹30,000 राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
वन्यजीव संरक्षण और ईको-पर्यटन
राज्य में वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी” का गठन करने का निर्णय लिया गया है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी और स्व-वित्तपोषित होगी। इसका मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ में घट रही बाघों की आबादी को बचाना, स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय शिक्षा, अनुसंधान व प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना है।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और रोजगार के अवसर
जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पाद ‘JashPure’ ब्रांड के तहत बेचे जा रहे हैं। इन उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने हेतु इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का मंत्री परिषद ने अनुमोदन किया है। इससे एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे।
शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को सुविधा
शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को ध्यान में रखते हुए, अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी निर्देशों में संशोधन किया गया है। अब नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य को विकल्प के आधार पर पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी जिला, संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। पहले अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी विभाग या कार्यालय में देने की व्यवस्था थी, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक निधन के पूर्व कार्यरत था।
गौण खनिजों का अन्वेषण और विकास
छत्तीसगढ़ राज्य में गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण, पूर्वेक्षण एवं अधोसंरचना के विकास के लिए ‘‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट‘‘ (एसएमईटी) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इसके तहत समस्त गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी की 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त रूप से एसएमईटी फंड में जमा की जाएगी, जिसका उपयोग गौण खनिजों के अन्वेषण, अधोसंरचना विकास में उच्च तकनीकों का उपयोग, इन्फॉर्मेशन सिस्टिम, लॉजिस्टिक सपोर्ट, मानव संसाधनों के उन्नयन आदि में किया जा सकेगा।




