मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक: स्थानांतरण नीति में बड़ा बदलाव और कई अहम फैसले.. 6 जून से लिए जाएंगे स्थानांतरण के लिए आवेदन जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री करेंगे अनुमोदन

रायपुर, 5 जून 2025 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के हित से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए, जिनका सीधा प्रभाव आम जनता, किसानों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा। स्थानांतरण नीति में बड़े बदलावों के साथ-साथ, कई स्थानों के नाम परिवर्तन, कला और खेल को बढ़ावा देने के लिए पहल, किफायती आवास योजना, युवा रत्न सम्मान और होमस्टे नीति जैसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।
स्थानांतरण नीति 2025: महत्वपूर्ण बदलाव और दिशानिर्देश
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ शासन की वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण नीति का अनुमोदन किया है। इसके तहत:
* आवेदन अवधि: 6 जून से 13 जून तक।
* स्थानांतरण की तिथि: जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री द्वारा किए जाएंगे, जबकि राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होंगे।
* न्यूनतम सेवा: न्यूनतम दो वर्ष की सेवा अनिवार्य है।
* विशेष सुविधा: गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवानिवृत्ति से पूर्व एक वर्ष के मामलों में विशेष सुविधा मिलेगी।
* अनुसूचित क्षेत्र: अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरण हेतु एवजीदार (बदली) अनिवार्य है। सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष प्रयास रहेगा।
* प्रतिशत सीमा: तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में अधिकतम 15 प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकेंगे।
* परीविक्षाधीन: परीविक्षाधीन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
* पारदर्शिता: पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर के सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण जारी कर उसी तिथि को आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग को मेल करनी होगी।
* संलग्नीकरण समाप्ति: सभी जिला स्तरीय कर्मचारियों का संलग्नीकरण 5 जून 2025 से समाप्त माना जाएगा।
* अभ्यावेदन: स्थानांतरण के विरुद्ध 15 दिन में राज्य स्तरीय समिति को अभ्यावेदन किया जा सकेगा।
* प्रतिबंध: 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, अत्यंत आवश्यक होने पर समन्वय में अनुमोदन उपरांत ही स्थानांतरण किया जा सकेगा।
स्थानों के नाम परिवर्तन को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की घोषणा के अनुरूप, मंत्रिपरिषद ने कुछ ग्राम पंचायतों के नाम परिवर्तन को भी मंजूरी दी है:
* ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम बदलकर “कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा” किया गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने 23 फरवरी 2024 को दामाखेड़ा में आयोजित संत समागम समारोह “माघीमेला” में की थी।
* कबीरधाम जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत गदहाभाठा का नाम बदलकर “ग्राम पंचायत सोनपुर” और बोड़ला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर का नाम बदलकर “ग्राम पंचायत चंदनपुर” करने का निर्णय लिया गया।
कला, खेल और किफायती आवास के लिए महत्वपूर्ण पहल
कैबिनेट बैठक में राज्य की कला, संस्कृति और खेल को बढ़ावा देने के साथ-साथ आम जनता के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने हेतु भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
* कलाग्राम की स्थापना: छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर अटल नगर में संस्कृति विभाग को 10 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। यह कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच प्रदान करेगा।
* राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी: नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग को 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। यह अकादमी छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभारेगी।
* छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025: राज्य के निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में किफायती एवं सस्ते भूखंड उपलब्ध कराने के लिए इस नियम का अनुमोदन किया गया। इससे लोगों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित दर पर भूखंड उपलब्ध कराकर पानी, बिजली, सड़क, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होगी। यह अवैध प्लाटिंग की रोकथाम करेगा और रियल एस्टेट व इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।
युवा रत्न सम्मान योजना और खेल प्रशिक्षकों के लिए छूट
युवा कल्याण और खेल के क्षेत्र में भी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
* युवा रत्न सम्मान योजना: प्रदेश में युवा कल्याण के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संगठनों को सम्मानित करने के लिए “युवा रत्न सम्मान योजना” शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
* छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान: हर वर्ष राज्य के एक युवा और एक स्वैच्छिक संस्था को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाएगा। युवा को पदक, प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम 2.50 लाख रुपये, जबकि संस्था को अधिकतम 5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
* क्षेत्रवार युवा रत्न सम्मान: सामाजिक, साहित्य, नवाचार, शिक्षा, खेल, पर्यावरण, महिला एवं बाल विकास, मीडिया, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कला-संगीत तथा लोककला के क्षेत्र में भी “युवा रत्न सम्मान” प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष उपरोक्त क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित एक-एक युवाओं को पदक, प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम एक लाख रुपये शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में यह सम्मान केवल महिलाओं और बालिकाओं को दिया जाएगा।
* पात्रता: आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र 15 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी, सरकारी उपक्रमों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत व्यक्ति पात्र नहीं होंगे।
* प्रशिक्षक (कोच) भर्ती में छूट: राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत प्रशिक्षक (कोच) के पद पर भर्ती हेतु राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्था पटियाला से प्रशिक्षक के डिप्लोमा के मापदंड को एक वित्तीय वर्ष के लिए शिथिलीकरण करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में ग्रामीण एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए “छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30” का अनुमोदन किया गया। इस नीति का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के गांवों और विशेषकर बस्तर और सरगुजा के दूर-दराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना और वहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। होमस्टे के जरिए पर्यटकों को गांव की संस्कृति, कला, शिल्प और प्रकृति से जुड़ा खास अनुभव मिलेगा, जिससे ग्रामीणों की आमदनी बढ़ेगी और “लोकल फॉर वोकल” के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
यह बैठक छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।