कोरबा

लूट का मामला सुलझाते-सुलझाते अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया पुलिस ने

विनोद शुकला कि रिपोर्ट जिला कोरबा कोरबा सैनिक माइनिंग कैम्प में सनसनीखेज और संदेहास्पद तरीके से हुई 31 लाख की लूट के मामले को सुलझाते-सुलझाते जहां 24 घंटे के भीतर रकम घटकर 20 लाख रुपए हो गई वहीं लूट की गुत्थी तो नहीं सुलझी पर अमानत में खयानत का मामला पुलिस ने जरूर पकड़ लिया। इस मामले में कंपनी में वर्षों से कार्यरत कैशियर को आरोपी बनाया गया है और पुलिस की विवेचना जारी है।
सैनिक माइनिंग कैम्प से 3-4 अक्टूबर की मध्य रात्रि 1-2 बजे के बीच दो सुरक्षा गार्डों पर हमला कर की गई लूटपाट की गुत्थी तो अनसुलझी रह गई, पर इसी मामले से जोड़कर पुलिस ने संदेहियों सहित इस सूची में शामिल कैशियर जवाहर लाल प्रसाद पिता बजरंगी लाल श्रीवास्तव 44 वर्ष निवासी बी-24 गरुण नगर दीपका, मूल निवासी ग्राम रोशनगंज, जिला- गया बिहार से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने कैशियर के कब्जे से घर में छिपाकर रखे गए 10 लाख 60 हजार 880 रुपया जो कि घटना के दौरान आरोपियों द्वारा लूटा जाना बताया गया, उसे बरामद किया। इसके बाद जारी विवेचना के क्रम में 50 लाख कीमती एक किलो सोना भी बरामद किया गया। इस तरह कुल 60 लाख रुपए को गबन कर हड़पने की नीयत से रखा जाना बताया जाकर कैशियर को गिरफ्तार कर लिया गया। अमानत में खयानत करने के आरोप में धारा 406 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों की पतासाजी व गिरफ्तारी का लगातार प्रयास व विवेचना जारी है।
दूसरी तरफ़ सवाल कायम है कि पुलिस ने लूट की रकम का कुछ हिस्सा बरामद कर लिया है पर लूट में शामिल लोगों के नाम क्या जवाहर से उगलवा पाई है? क्या जवाहर लूट या इसकी साजिश में शामिल था, यदि हां तो और कौन-कौन इसमें शामिल थे, यदि नहीं तो फिर लूट की रकम का हिस्सा उस तक कैसे पहुंचा/ किसने पहुंचाया? क्या लूट के दौरान कुछ रकम लुटेरे/चोर छोड़ गए थे जिसे जवाहर ने गबन की नीयत से अपने पास रख लिया और यह रुपये बरामद होने के बाद लूट की रकम 31 लाख से घटकर 20 लाख हो गई? सही तस्वीर सामने आना बाकी है, पर खुलकर कुछ बताया नहीं जा रहा।
सुरक्षा गार्ड की रिपोर्ट पर 3 लोगों पर मामला दर्ज
इस प्रकरण में कृष्णा नगर दीपका निवासी व सैनिक माइनिंग कैम्प गेवरा में सुरक्षा गार्ड देवी प्रसाद साहू की रिपोर्ट पर धारा 394, 458, 34 भादवि के तहत 3 अज्ञात लोगों के विरुद्ध जुर्म दर्ज कर लिया गया है। देवी प्रसाद के मुताबिक 3 अक्टूबर की रात वह एम्बुलेंस चालक श्याम सुंदर महतो के साथ ड्यूटी पर था। कैम्प कार्यालय के टीएस कमरा में देवी प्रसाद और बगल के कमरे में श्याम सुंदर और चाय बनाने वाला किशोर चंद साहू किचन रूम में सोया हुआ था। रात में खटखटाने की आवाज सुनकर देवी प्रसाद उठा। करीब 1.15 बजे कमरे से बाहर निकलकर देखा तो 3 लोग नजर आए जिसमें से एक लड़के ने लोहे के रॉड से सिर पर हमला किया। देेवी प्रसाद ने शोर मचाया तो श्याम सुंदर आया और उससे भी मारपीट की गई। श्याम सुंदर और देवी को 3 लोगों ने कैश रूम में ले जाकर बंद कर दिया। देवी प्रसाद और श्याम सुंदर कैश रूम की खिड़की में लगी जाली को निकालकर पानी सप्लाई ऑफिस की तरफ आवाज दिए तब एक व्यक्ति के आने पर उसके जरिए अधिकारी उदय को घटना की जानकारी दी। उदय और अन्य लोगों ने कैम्प में आकर देवी और श्याम सुंदर को बाहर निकाला। देवी प्रसाद के बताए अनुसार आरोपियों ने कैश रूम के आलमारी से करीब 20 लाख रुपए निकालकर चोरी कर लिया लेकिन सही रकम की जानकारी कैशियर जवाहरलाल प्रसाद बता सकते हैं। आरोपियों की कद, काठी और उम्र के अनुसार ये सभी 25-35 वर्ष के बीच के थे, जिन्हें देखकर वह पहचान सकता है।

0 कहीं मोहरा तो नहीं जवाहर प्रसाद?

इस पूरे घटनाक्रम की चर्चा दीपका क्षेत्र सहित जवाहर के सहकर्मियों में भी है। लोगों के बीच से यह बात भी निकलकर आ रही है कि कहीं लूट कांड में जवाहर को मोहरा तो नहीं बनाया गया। उसे नजदीक से जानने और उसके साथ काम कर चुके लोग इस बात पर तनिक भी भरोसा नहीं कर पा रहे कि उसने किसी लूट में अपनी संलिप्तता रखी हो या कंपनी से दगाबाजी की नीयत रही हो। लूट की रकम बढ़ने और फिर घटने तथा वारदात के 24 घंटे से भी अधिक समय बीतने के बावजूद लेखा-जोखा पुलिस सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर तक भी उपलब्ध नहीं करा पाने को भी जानकार लोग सवालिया बता रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सारा गड़बड़झाला तो एक करोड़ के आसपास का है लेकिन कागजी तौर पर कुछ भी प्रमाणित न हो पाने के कारण इसे 20 लाख तक सीमित कर दिया गया। अब इसकी हकीकत तो जवाहर ही जाने जिसने पिछले वर्ष ही अपने इकलौते किशोर पुत्र को खोया है।

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