नर्स द्वारा नवजात बच्ची को इलाज के बहाने धोखे से माता-पिता से लेकर दूसरे दंपत्ति को देने का सनसनीखेज मामला, नर्स और गोद लेने वाले दंपत्ति गिरफ्तार

जशपुर पुलिस ने एक दिल दहला देने वाले मामले का खुलासा किया है। एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता से इलाज के बहाने धोखे से लेकर, उसे एक दूसरे दंपत्ति को गोद देने के आरोप में एक नर्स और गोद लेने वाले दंपत्ति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया है।
यह घटना पत्थलगांव थाना क्षेत्र में हुई। पीड़ित पिता सुखदेव नाग ने 13 सितंबर 2025 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी पत्नी ने 28 अगस्त को एक सरकारी अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था। 30 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी मिलने के दौरान, नर्स अनुपमा टोप्पो ने उनकी बच्ची को ‘टीका लगाने’ के बहाने ले लिया।
बाद में, नर्स ने बच्ची की तबीयत खराब होने की बात कहकर, उसके माता-पिता से कुछ कागजों पर दस्तखत करा लिए। उसी दौरान, कोरबा से आए निशिकांत मिंज और सुमन वानी मिंज नाम के दंपत्ति को यह नवजात बच्ची सौंप दी गई। आरोपियों ने पीड़ित परिवार को विश्वास दिलाया कि वे बच्ची का इलाज कराकर जल्द ही वापस कर देंगे।
जब काफी दिन बीत जाने के बाद भी बच्ची नहीं मिली, तो पीड़ित परिवार ने नर्स से पूछताछ की। टालमटोल भरे जवाबों से शक गहराया और उन्हें बाद में पता चला कि उनकी बच्ची को अवैध रूप से गोद दे दिया गया है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, तत्काल कार्रवाई की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के निर्देश पर, टीम ने छानबीन शुरू की और कोरबा से दंपत्ति को ढूंढ निकाला। जब उनसे बच्ची को गोद लेने के कानूनी दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई भी वैध कागजात नहीं दिखा पाए।
इसके बाद, पुलिस ने सबूतों के आधार पर आरोपी नर्स अनुपमा टोप्पो और दंपत्ति निशिकांत मिंज व सुमन वानी मिंज को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने नवजात बच्ची को उनके कब्जे से सुरक्षित बरामद कर लिया है और उसे चाइल्ड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में रखा गया है।
इस पूरे ऑपरेशन में एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश जायसवाल, थाना प्रभारी विनीत कुमार पांडे, उप निरीक्षक संतोष तिवारी, प्रधान आरक्षक मिथलेश यादव और आरक्षक तुलसी रात्रे की अहम भूमिका रही।





