धोखाधड़ी करने वाला ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक गिरफ्तार, 42 लाख रुपये की ठगी का अंदेशा

जशपुर, 22 मई 2025: जशपुर पुलिस ने “ऑपरेशन अंकुश” के तहत लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे एक ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक संदीप यादव (30 वर्ष, निवासी रेमते रोड, पुरानी बस्ती, कुनकुरी) को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर KYC (नो योर कस्टमर) के नाम पर बैंक खाताधारकों के फिंगरप्रिंट लेकर उनके खातों से 10 लाख रुपये से अधिक की राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। पुलिस को आगे की विवेचना में लगभग 42 लाख रुपये की ठगी की संभावना है।
चलाकी से लोकेशन बदल रहा था आरोपी
आरोपी संदीप यादव इतना शातिर था कि वह लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था ताकि पुलिस की गिरफ्त से बच सके। जशपुर पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना और टेक्निकल टीम की सहायता से उसे ट्रेस किया। जब पुलिस बैंगलोर पहुंची, तो आरोपी चकमा देकर ट्रेन से भागने लगा, लेकिन जशपुर पुलिस की टीम लगातार उस पर नजर रखे हुए थी। अंततः, झारसुगुड़ा (ओडिशा) रेलवे स्टेशन पर टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) की सहायता से घेराबंदी कर आरोपी को धर दबोचा गया।
मामले का विवरण
यह मामला थाना कुनकुरी क्षेत्र का है। 6 जनवरी 2025 को आशीष भदौरिया (35 वर्ष, निवासी होशंगाबाद), जो आईसेक्ट लिमिटेड के अधिकारी हैं, ने थाना कुनकुरी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की वित्तीय समायोजन योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक और आईसेक्ट लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध के अंतर्गत, संदीप यादव को भारतीय स्टेट बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र (कियोस्क सेंटर) खोलने की अनुमति मिली थी।
भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कुनकुरी शाखा ने आईसेक्ट लिमिटेड को जानकारी दी कि कियोस्क संचालक संदीप यादव द्वारा विभिन्न खाताधारकों के खातों से अनाधिकृत रूप से राशि निकालकर गबन किया गया है। आईसेक्ट लिमिटेड के अधिकारियों ने 59 शिकायतों की जांच की, जिसमें पाया गया कि संदीप यादव ने एसबीआई कुनकुरी के खाताधारकों के खातों से कुल 10 लाख 79 हजार 700 रुपये की हेराफेरी की है। आरोपी संदीप यादव ने अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए ग्राहकों की रकम का गबन किया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा आईसेक्ट लिमिटेड के साथ धोखाधड़ी की। संभावना है कि अन्य खाताधारकों के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी हुई है।
जांच और गिरफ्तारी
रिपोर्ट के आधार पर, संदीप यादव के खिलाफ थाना कुनकुरी में बीएनएस की धारा 316(5), 318(4) और भा.द.वि. की धारा 420, 408 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई थी। घटना के बाद से ही संदीप यादव फरार था। पुलिस की टेक्निकल टीम ने उसे बैंगलोर में ट्रेस किया, जहां से वह पुलिस को चकमा देकर ट्रेन में भागने लगा। लेकिन जशपुर पुलिस की टीम ने लगातार पीछा करते हुए झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन पर उसे टीटीई की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी संदीप यादव के कब्जे से दो लैपटॉप, बायोमैट्रिक्स डिवाइस, ग्राहकों के लेन-देन से संबंधित दस्तावेज, रजिस्टर, मोबाइल फोन और ठगी की रकम से बचे हुए 10 हजार 500 रुपये नगद जब्त किए गए हैं।
अपराध स्वीकारोक्ति और आगे की जांच
पुलिस पूछताछ में आरोपी संदीप यादव ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह कियोस्क शाखा में आने वाले ग्रामीण ग्राहकों से KYC के नाम पर बायोमेट्रिक मॉर्फो डिवाइस पर अंगूठा लगवाकर ग्राहकों की रकम अपने स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर कर लेता था और बाद में उस रकम को निकाल लेता था।
आरोपी संदीप यादव को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी द्वारा गबन की गई राशि के 42 लाख रुपये तक जाने की संभावना है, जिसके संबंध में जांच जारी है।
जशपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने बताया कि खाताधारकों से ठगी करने वाले फरार आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है। विवेचना के दौरान और भी शिकायतकर्ता सामने आ रहे हैं, जिससे ठगी की रकम बढ़ने की संभावना है।
इस मामले की विवेचना और आरोपी की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी कुनकुरी निरीक्षक श्री राकेश कुमार यादव, उप निरीक्षक श्री संतोष तिवारी (प्रभारी साइबर सेल), उप निरीक्षक नसीरुद्दीन अंसारी, सहायक उप निरीक्षक ईश्वर वारले, प्रधान आरक्षक रामानुजम पांडे, ढलेश्वर यादव, गोविंद यादव, धन साय, आरक्षक जितेंद्र गुप्ता, नंदलाल यादव और चंद्रशेखर बंजारे की सराहनीय भूमिका रही है।





