बैंक ऑफ बड़ौदा की लचर व्यवस्था को लेकर उपभोक्ता परेशान, बैंक में कुर्सी एक व्यक्ति अनेक, कोरोना गाइड लाइन का उड़ाया जा रहा मखौल, फर्श पर बैठने को मजबूर उपभोक्ता
पत्थलगांव। शनिवार बैंक ऑफ़ बड़ौदा बैंक के कर्मचारियों का ब्यवहार अब्यवहारिक किसी भी बैंकों में कोई भी ग्राहक के साथ बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारियों को उचित ब्यवहार करने की हिदायत दी जाती है। जिसके लिए सभी बैंकों को स्पस्ट दिशा निर्देश मिले होते है। पर जब बैंक के कर्मचारी जब अपनी जिम्मेदारी से अलग होकर बैंक में आने वाले ग्राहको के साथ ठीक से ब्यवहार न करे तो समझ जाइये की उन बैंकों के ग्राहको का क्या हाल रहता होगा पत्थलगांव अम्बिकापुर रोड में कार्यरत बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारी पूरी तरह गैर जिम्मेदार हुए शनिवार को बैंक समय मे पहुच कर ग्राहक ने बैंक के कर्मचारी को जब कार्य करने कहा तो उन्होंने लिंक नही होने की बात कही पर जब कुछ देर बाद उनसे लिंक आने की बात पूछी तो बैंक के कर्मचारि ने जबाब तक देना मुनासिब नही समझा तब पुनः पूछते हुए की क्या इस बैंक में कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी है। जो लिंक आया या नही आया कि जानकारी देगा जिस पर उनके द्वारा कहा गया कि हा लिंक आ गया है। बताए जिस पर कर्मचारी के द्वारा कहा गया कि आपका काम करते है। थोड़ी देर बैठ जाइए अब जब इतने बड़े ब्रान्च में बैठने कहा जाए तो वहां बैठने की ब्यवस्था भी होनी चाहिए एक चार सीटर चेयर लगी है।
जिसमे पहले से महिलाएं बैठी है और उसी चेयर का हाल भी देखिए कि वो टूटी भी पड़ी है। तो बैंक में आये ग्राहक बैठेंगे कहा तो जिसका जीता जागता उदाहरण बगल में वही लाचार और बुजुर्ग ब्यक्ति ब्रांच में ही जमीन में बैठा नजर आता है। तो इससे ये समझा जा सकता है की शायद बैंक के कर्मचारी वही जमीन में बैठने की बात कह रहे हो उस बुज़ुर्ग ब्यक्ति को बैंक में ही जमीन में बैठा देख कर कोई अधिकारी और कर्मचारी ने ये नही किया कि कोई कुर्शी लाकर उसमें उसे बैठने कहे अब इस तरह से जब बैंक के अधिकारी कर्मचारी अपनी लापरवाह रवैये से बैंक में आये ग्रहको से पेश आएंगे तो आप सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंकों में ग्राहको के साथ किंस तरह से पेश आते है। बैंक के अधिकारी और कर्मचारी जब इन बातों को लेकर बैंक के ब्रांच मैनेजर का नम्बर मांगा गया तो जो नम्बर बैंक के कर्मचारी दिए वो नम्बर ही बन्द बताया इस पर जब उन्हें बताया गया कि ब्रांच मैनेजर सौरभ का नम्बर बन्द बता रहा है। कोई और नम्बर दीजिये तो उनके द्वारा कहा जाता है। कि आप बैठ जाइए जब आएंगे ब्रांच मैनेजर तो बात कर लीजियेगा बैठने को कहा जरूर जाता है। पर बैठने की जगह नही है। इससे बैंक के कर्मचारियों की लापरवाही को समझिए की ग्राहको के साथ किंस तरह से ये पेश आते है।
कुल मिलाकर बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक में ना तो वक्ताओं के लिए किसी तरह की सुविधा मुहैया कराई गई है नहीं बैठने के लिए कोई इंतजाम किए गए हैं बैंक के अंदर कर्मचारी अधिकारी बड़े मजे से व्हाट्सएप में चैटिंग करते नजर आते हैं उपभोक्ता जब किसी बात को लेकर उनसे सवाल करना चाहता है तो वह सीधे मुंह बात ना करते हुए ब्रांच मैनेजर पर अपनी बातें कर पल्ला झाड़ते नजर आते हैं वही ब्रांच मैनेजर की कुर्सी हमेशा ही खाली पड़ी रह कर बैंक की शोभा बढ़ाते हैं नजर आती है।