रात के अंधेरे में डामरविहिन बन रही सड़क, आखिर पत्थलगांव के नागरिक कब तक झेलते रहेंगे सड़क की दुर्दशा का परिणाम ..
मुकेश अग्रवाल हिंद शिखर न्यूज़ पत्थलगांव- NH 43 की शहर से गुजरने वाली सड़क जो एनएच विभाग के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो चुकी हैं जहां हर साल सड़क मरम्मत के नाम पर अधिकारी लाखों रुपए डकार जाते हैं और सड़क की स्थिति एक दो महीने बाद जस की तस दिखाई देने लगती हैं ।थोड़ी सी बारिश में ही पत्थलगांव शहर की सड़कें पानी के साथ बह जाती है एवं सूखने के बाद शहर से सड़क पर उड़ती हुई धूल के गुब्बार से नागरिक दो-चार होते नजर आते हैं कुल मिलाकर शहर की nh-43 की सड़क गुणवत्ता विहीन बनने के कारण चंद महीनों में ही पुनः अपनी जस की तस स्थिति धारण कर लेती है ।विगत दिनों पत्थल गांव के नागरिकों ने सड़क की दुर्दशा को देखकर जसपुर कलेक्टर महादेव कांवरे से एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर जल्द से जल्द सड़क निर्माण की बात कही थी जिसके बाद कलेक्टर के कड़े रुख के कारण सड़क की मरम्मत तो शुरू कर दी गई किंतु सड़क गुणवत्ता विहीन बनाने से अधिकारी नहीं चूक रहे हैं। जहां रात को बनाई गई सड़कें सुबह सड़क विहीन दिखने को मजबूर हो रही हैं ।सड़कों पर बिछा डामर अपने आप गाड़ियों के चलने से उधड कर गिट्टी में तब्दील हो जा रहा है ।इस बात की शिकायत जब स्थानीय प्रशासन से नागरिकों ने करनी चाहिए तो मौके पर ठेकेदार के आदमियों ने बार-बार बहानेबाजी कर डामर मात्रा कम होने की दुहाई देकर फिर से बनाने की बात कही जाती है। आखिर इतनी गुणवत्ता विहीन लाखों की सड़क की देखरेख करने वाले अधिकारी की कोई जिम्मेदारी तो बनती ही है ?आखिर नागरिक करे तो करे क्या?? हमेशा की भांति सड़क दुर्दशा देखने को नागरिक मजबूर हैं ।
पत्थलगांव के पूर्व कांग्रेसी जिला अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने पत्थलगांव में बन रही लाखों रुपए की सड़क को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है उन्होंने कहा है कि इस तरह घटिया बनने वाली सड़क से तो अच्छा है कि प्रशासन यूं ही इन सड़कों को छोड़ दें ताकि नागरिक इस टूटी हुई सड़कों पर जीने की आदत डाल सकें ।उन्होंने घटिया मरम्मत को लेकर लोक निर्माण मंत्री से शिकायत करने की बात कही है।