क्वारंटाइन सेंटरो में भारी भ्रष्टाचार…. 580 रुपए किलो की दर से खरीदा गया टमाटर
रायपुर -आपदा को अवसर में बदलने का हुनर सीखना हो तो आप छत्तीसगढ़ के क्वारंटाइन सेंटरो में चले जाइए जहां आपको आपदा के दौरान कैसे पैसे बनाए जा सकते हैं , यह सीखने को मिलेगा और सिखाने वाले होंगे शासन के अधिकारी-कर्मचारी जिन्हें सरकार द्वारा क्वारंटाइन सेंटरो के प्रबंधन का जिम्मा दिया गया है, ऐसा ही एक मामला कांकेर जिले के क्वरंटाइन सेंटर में सब्जियों की खरीद के नाम पर बड़े घोटाले का मामलाा सामने आया है। यहां पर 20-30 रुपए किलो खरीदने जाने वाले टमाटर को 580 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा दिखाकर सरकार को बिल भेजा गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान कांकेर के इमलीपारा के क्वारंटाइन सेंटर में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों व छात्र-छात्राओं को यहां ठहराया गया था इन लोगों की खाने की व्यवस्था में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया जा रहा है।
क्वारंटाइन सेंटर में सब्जी बनाने के लिए टमाटर का 580 रुपए प्रति किलो खरीद का बिल उस समय भेजा गया जब टमाटर की अधिकतम कीमत 20 रुपये किलो थी। जानकारी के मुताबिक बिल में अन्य सब्जियों की कीमत भी अधिक बताई गई है।
रिपोर्टर्स के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर में सब्जियों की खरीद की जिम्मेदारी आदिम जाति कल्याण विभाग को सौंपी गई थी। विभाग ने सब्जियों को कई गुना कीमत पर खरीदे जाने का बिल भेजा, जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। दस्तावेजों से पता चला है कि क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था के लिए यहां 1.76 करोड़ खर्च किए गए। स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे भ्रष्टाचार का खुला खेल बता रहे हैं तो वहीं अफसर इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं.
इनके जिम्मे थी व्यवस्था
इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला प्रशासन ने जिम्मेदारी सौपी थी. विभाग के जिम्मेदारों ने बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदी करने का बिल लगाया है. इसका भुगतान भी विभाग ने कर दिया है.