6 करोड़ की महा-ठगी: कृषि प्रोडक्ट और ‘1% डेली रिटर्न’ का लालच देकर ग्रामीणों को लूटा, दो मुख्य ठग जांजगीर-चांपा और सक्ति से गिरफ्तार

पत्थलगांव । पुलिस ने पत्थलगांव थाना क्षेत्र में ‘सी बुल्स ग्लोबल सॉल्यूशन’ नामक फर्जी कंपनी द्वारा संगठित तरीके से की गई करोड़ों रुपए की ठगी का पर्दाफाश किया है। ठगों ने कृषि प्रोडक्ट में निवेश और बाद में शेयर मार्केट ट्रेडिंग में प्रतिदिन 1 प्रतिशत लाभ का झांसा देकर भोले-भाले निवेशकों से 06 करोड़ रुपए की बड़ी रकम ठग ली। मामले में दो मुख्य आरोपी—हरिशरण देवांगन और संतोष कुमार साहू—को जांजगीर-चांपा और जिला शक्ति से गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले का खुलासा तब हुआ जब मदनपुर, इंजिको निवासी प्रार्थी जागेश्वर लाल यादव (उम्र 43 वर्ष) ने 17 अक्टूबर 2025 को पत्थलगांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रार्थी ने बताया कि वर्ष 2023 में एक परिचित के माध्यम से उन्हें और उनके साथियों (डॉ पीताम्बर साय निराला, सुकुंद चौहान, राजेंद्र भगत) को पत्थलगांव के एक होटल मान्या में बुलाया गया। यहाँ उनकी मुलाकात आरोपी संतोष कुमार साहू से हुई, जिसने स्वयं को घरघोड़ा, पत्थलगांव में कार्यरत ‘सी बुल्स ग्लोबल सॉल्यूशन’ नामक कृषि प्रोडक्ट बेस कंपनी का बताया। उसने कंपनी के नए प्लांट में निवेश पर मासिक ब्याज और अच्छे लाभ का वादा किया।
शुरुआत में कुछ महीनों तक निवेशकों को ब्याज मिला, लेकिन बाद में पैसा आना बंद हो गया। निवेशकों के संपर्क करने पर उन्हें कंपनी के एम. डी. मोहम्मद सिराज आलम से मिलवाया गया। आलम ने गुमराह करते हुए बताया कि कंपनी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स बेस नहीं, बल्कि ट्रेडिंग कंपनी है, जो सेबी में रजिस्टर्ड है और 12 वर्षों से शेयर मार्केट में काम कर रही है। ठगों ने निवेशकों को झांसा दिया कि उनकी कंपनी में निवेश करने पर प्रतिदिन 1 प्रतिशत का लाभ मिलेगा और 10 महीनों में मूलधन दोगुना से अधिक हो जाएगा।
आरोपी हरिशरण देवांगन व संतोष कुमार साहू को बिजनेस पार्टनर बताकर, निवेश की रकम पर फेडरल बैंक व इंडसइंड बैंक के चेक के माध्यम से बैंक गारंटी भी दी गई। अक्टूबर 2023 में कोरबा, चांपा, अंबिकापुर, घरघोड़ा, बिलासपुर जैसे शहरों में मीटिंग आयोजित कर निवेशकों से करोड़ों रुपए का निवेश कराया गया। प्रार्थी जागेश्वर लाल यादव ने अकेले 1 करोड़ 80 लाख रुपए और उनके साथी लक्ष्मण केशवानी ने ₹95 लाख, डॉ पीताम्बर साय निराला ने ₹25 लाख सहित अन्य लोगों ने मिलकर कुल 06 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार हुए।
पॉन्जी स्कीम का पर्दाफाश और नाम बदलने की साजिश:
पुलिस जांच में पता चला कि यह पूरा मामला एक पॉन्जी स्कीम पर आधारित था। ठगों ने निवेशकों को जो प्रतिदिन 1% ब्याज का लालच दिया था (यानी ₹10,000 के निवेश पर साल भर में ₹36,500), वह फर्जी था। शुरुआती पाँच महीनों में दिया गया ब्याज कोई अलग से कमाई नहीं थी, बल्कि नए निवेशकों की रकम को ही पुराने निवेशकों को वापस किया जा रहा था। जैसे ही नए निवेशक जुड़ना बंद हुए, कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया और निवेशकों की रकम हड़प ली।
जब निवेशकों ने अपनी रकम वापस मांगी, तो ठगों ने वर्ष 2024 में एक नई चाल चली। हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड बनने के नाम पर उड़ीसा के सुंदरगढ़ में मीटिंग आयोजित कर, निवेशकों के दस्तावेजों और हस्ताक्षरों का दुरुपयोग करते हुए, उन्हें “सी बुल्स सहयोग निधि, रियल स्टेट व फाइनेंस लिमिटेड” का मेंबर व डायरेक्टर बना दिया गया। इसके बाद कंपनी ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी और संपर्क करने पर डायरेक्टरों ने ‘कंपनी में लॉस’ का बहाना बनाकर टालमटोल शुरू कर दिया।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार:
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के निर्देश पर एस.डी.ओ.पी. पत्थलगांव धुर्वेश जायसवाल के नेतृत्व में तत्काल पुलिस टीम गठित की गई। टीम ने पुलिस अधीक्षक शक्ति श्रीमती अंकिता शर्मा व जिला जांजगीर चांपा के पुलिस अधीक्षक विजय पांडे से संपर्क कर, दोनों जिलों की पुलिस के सहयोग से दो मुख्य आरोपियों को हरिशरण देवांगन, उम्र 52 वर्ष, (निवासी जैजैपुर, जिला शक्ति) और संतोष कुमार साहू, उम्र 46 वर्ष, (निवासी मुदुपर, जिला जांजगीर चांपा) को हिरासत में लिया।
पुलिस जब आरोपी संतोष कुमार साहू को हिरासत में लेने उसके घर पहुंची, तो उसके परिजनों ने पुलिस टीम के साथ हुज्जत करने का प्रयास भी किया, जिसे पुलिस ने समझदारी से दबा दिया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है
आरोपियों के विरुद्ध थाना पत्थलगांव में भा.द. सं. 1860 की धारा 420, 120(बी) व 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि ठगी से जुड़े अन्य फरार आरोपियों को भी पुलिस ने चिन्हित कर लिया है और शीघ्र ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। विवेचना में ठगी की रकम व आरोपियों की संख्या बढ़ने के आसार हैं।
कार्यवाही में एस डी ओ पी धुर्वेश कुमार जायसवाल, निरीक्षक विनीत कुमार पांडे, उप निरीक्षक संतोष तिवारी, आरक्षक आशीषन टोप्पो, राजेंद्र रात्रे व कमलेश्वर वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।





