नक्सलवाद के खिलाफ आज ऐतिहासिक दिन: छत्तीसगढ़ में 210 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, CM और गृह मंत्री की मौजूदगी में हथियार छोड़ थामा संविधान…

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग ने शुक्रवार, 17 अक्टूब को राज्य के इतिहास में एक निर्णायक और ऐतिहासिक दृश्य देखा। राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति—जो शांति, संवाद और विकास को केंद्र में रखकर तैयार की गई है—के परिणामस्वरूप दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडर ने हिंसा का मार्ग त्यागकर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
यह अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण कार्यक्रम था, जिसका आयोजन रिज़र्व पुलिस लाइन, जगदलपुर (जिला बस्तर) में प्रातः 11:00 बजे किया गया। इस ऐतिहासिक पुनर्समावेशन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा उपमुख्यमंत्री (गृहमंत्री) विजय शर्मा उपस्थित रहे।
टॉप कैडर और हथियार बरामद:
आत्मसमर्पण करने वाले 210 नक्सलियों में वरिष्ठतम हार्डकोर कैडर और शीर्ष नेता शामिल हैं। सरेंडर करने वालों में 110 महिला और 98 पुरुष नक्सली हैं।
काडर प्रोफाइल:
आत्मसमर्पण करने वालों की काडर प्रोफाइल में 1 सीसीएम (सेंट्रल कमेटी सदस्य), 4 डीकेएसजेडसी, 1 रीजनल कमेटी सदस्य, 21 डीवीसीएम और 61 एसीएम जैसे टॉप कैडर शामिल हैं।
हथियार बरामदगी:
नक्सलियों ने कुल 153 हथियार सुरक्षा बलों के सामने सौंपे। इनमें 19 AK-47 राइफलें, 17 SLR राइफलें, 23 INSAS राइफलें, 36 .303 राइफलें, 11 BGL लॉन्चर और 41 12 बोर/सिंगल शॉट गन जैसे अत्याधुनिक हथियार शामिल थे।
संविधान की शपथ और मुख्यधारा में वापसी:
अबूझमाड़ इलाके से जगदलपुर पहुंचे इन नक्सलियों ने सरेंडर से पहले एक परेड भी निकाली और कार्यक्रम के दौरान अपने हाथों में भारत के संविधान की प्रति थामे रहे। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने हिंसा त्यागने और देश के संविधान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए शपथ ली।
समारोह के दौरान अपने हाथों में भारत के संविधान की प्रति थामी। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने हिंसा त्यागने और संविधान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए शपथ ली। उन्होंने सरेंडर से पहले एक परेड भी निकाली।

मुख्यमंत्री ने बताया ‘गौरव का क्षण’:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके को सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं, पूरे देश के लिए ऐतिहासिक और गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों का बंदूक छोड़कर संविधान थामना, ‘विश्वास और पुनर्वास’ के वातावरण की सफलता है, जिसे सरकार की नीतियों ने निर्मित किया है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह बड़ी सफलता सरकार के इस दृढ़ संकल्प को दर्शाती है कि बस्तर से लाल आतंक का सफाया किया जाएगा।
पुनर्वास और रोज़गार का आश्वासन:
मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण करने वालों को आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण और पुनर्वास नीति के तहत रोज़गार के अवसर प्रदान करेगी।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस घटना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अबूझमाड़ मुक्त हो गया है और उत्तर बस्तर से लाल आतंक का सफाया हो चुका है। उन्होंने इस घटना को बस्तर के लिए ‘नई सुबह’ करार दिया। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को जल्द ही मुख्यधारा में एकीकृत किया जाएगा।





