शर्मनाक: बलरामपुर पुलिस लाइन में आदिवासी छात्रा से दुष्कर्म! पीड़िता ने डर से छोड़ी पढ़ाई,आरोपी आरक्षक पर FIR दर्ज, बलरामपुर SP ने कहा- साक्ष्य जुटाकर जल्द करेंगे चालान पेश

बलरामपुर: बलरामपुर पुलिस लाइन से एक बेहद शर्मनाक और संगीन मामला सामने आया है। यहां तैनात एक आरक्षक (सिपाही) सतेंद्र पाठक पर उसी परिसर में रहने वाले एक सहायक उप निरीक्षक (सउनि) की रिश्तेदार 21 वर्षीय आदिवासी छात्रा से जबरन बलात्कार करने का आरोप लगा है। इस जघन्य वारदात के बाद पीड़िता ने डर के मारे अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी।
पुलिस आवास में ही असुरक्षित छात्रा
घटना की शुरुआत 22 फरवरी 2025 की दोपहर 2:30 बजे हुई। जशपुर जिले की मूल निवासी यह 21 वर्षीय आदिवासी छात्रा, अपने मौसा सउनि के सरकारी आवास में रहकर बी.ए. प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। एफआईआर के अनुसार, जब उसके मौसा-मौसी ड्यूटी पर थे, तब पड़ोसी आरक्षक सतेंद्र पाठक अचानक कमरे में घुस आया और छात्रा के साथ जबरन दुष्कर्म किया।
शाम को घटना की जानकारी मिलने पर, छात्रा के मौसा-मौसी ने तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के बजाय, आरोपी आरक्षक को बुलाकर सिर्फ समझाया-बुझाया। मामला दबाने के इस प्रयास ने आरोपी का दुस्साहस और बढ़ा दिया।
दुबारा दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि पहली घटना के दो सप्ताह बाद, आरोपी ने उसे दोबारा अपने कमरे में ले जाकर बलात्कार किया। इस बार आरोपी ने छात्रा को जान से मारने की धमकी भी दी।
आरोपी पुलिसकर्मी के खौफ से डरी हुई छात्रा ने अप्रैल 2025 में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और अपने गाँव लौट गई। गाँव पहुँचने के बाद, उसने हिम्मत जुटाकर परिजनों को दोनों घटनाओं के बारे में बताया।
सात महीने बाद जशपुर के बगीचा थाना में जीरो में FIR, अंत में बलरामपुर कोतवाली में मामला दर्ज
फरवरी 2025 में हुई इस वारदात की प्राथमिकी (FIR) घटना के लगभग सात महीने बाद, 22 सितंबर 2025 को जशपुर जिले के बगीचा थाना में दर्ज की गई।
फिलहाल, आरोपी आरक्षक सतेंद्र पाठक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 332(o) और 64(2)(m) के तहत मामला दर्ज किया गया है। चूँकि घटना स्थल बलरामपुर जिले का था , इसलिए मामले की जीरो प्राथमिक की दर्ज की गई।
जशपुर पुलिस द्वारा आगे की विवेचना के लिए मामले को थाना कोतवाली बलरामपुर स्थानांतरित किया गया इसके बाद आरोपी आरक्षक के विरुद्ध यहां भी मामला दर्ज कर लिया गया है।
क्या कहते हैं बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक
“आरोपी आरक्षक के विरुद्ध बलरामपुर कोतवाली में विधिवत मामला दर्ज कर लिया गया है। हमारी टीम तेजी से सभी साक्ष्य (एविडेंस) इकट्ठा करने में लगी हुई है, क्योंकि न्यायालय में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। हम जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के प्रयास में हैं। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, मामला न्यायालय में प्रस्तुत (चार्जशीट) कर दिया जाएगा ताकि न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ सके।”
— वैभव बैंकर, पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर





