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चंद्रग्रहण 2025: दुनिया भर में दिखा ‘ब्लड मून’, 3 घंटे से अधिक रही चांद पर पृथ्वी की छाया

दुनिया भर में 7-8 सितंबर 2025 को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखी गई, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरा और लाल रंग में दिखाई दिया। इस घटना को ‘ब्लड मून’ कहा जाता है, जो चंद्रग्रहण के दौरान होता है। भारत में यह घटना रात 11 बजे से 12 बजकर 22 मिनट तक दिखाई दी।

कब और कहाँ दिखा चंद्रग्रहण?

रात 09 बजकर 58 मिनट से शुरू हुआ, रात 11 बजे ग्रहण का प्रभाव अधिक रहा, रात 01 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण समाप्त हुआ.
चंद्रग्रहण दुनिया के लगभग 77 फीसदी हिस्से में देखा गया, जिसमें भारत, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अंटार्कटिका शामिल हैं।

चंद्रग्रहण की विशेषताएं

चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया 3 घंटे से अधिक समय तक रही। इस दौरान चंद्रमा लाल रंग में दिखाई दिया, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है और सूर्य का प्रकाश सीधे नहीं पड़ता है।

भारत में चंद्रग्रहण

भारत में चंद्रग्रहण रात 11 बजे से 12 बजकर 22 मिनट तक दिखाई दिया। इस दौरान चंद्रमा लाल रंग में दिखाई दिया, जो वैज्ञानिकों और ज्योतिष दोनों की दृष्टि से एक खास घटना है। भारत में चंद्रग्रहण की दृश्यता विभिन्न शहरों में अलग-अलग समय पर देखी गई।

अन्य देशों में चंद्रग्रहण

यूरोप और अफ्रीका में चंद्रोदय के समय चंद्र ग्रहण देखा गया, जबकि एशिया और ऑस्ट्रेलिया में चंद्रग्रहण का अनुभव सबसे अच्छा रहा। इन क्षेत्रों में चंद्रमा अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई दिया, क्योंकि यह पेरिगी पर पहुंचने से ठीक पहले था। पेरिगी कक्षा की उस बिंदु को कहते हैं जहां पहुंचने के बाद चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है।

आगामी सूर्य ग्रहण

अब ठीक 14 दिन बाद सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, जो खगोल शास्त्र की दृष्टि से रोचक माना जा रहा है। भारत समेत कई देशों में इसकी आंशिक और पूर्ण दृश्यता देखने को मिलेगी। वैज्ञानिक और ज्योतिषाचार्य दोनों ही इसके प्रभावों पर अध्ययन कर रहे हैं।

चंद्रग्रहण 2025 एक दुर्लभ खगोलीय घटना थी, जो दुनिया भर में देखी गई। यह घटना वैज्ञानिकों और ज्योतिष दोनों की दृष्टि से रोचक है, और इसके अध्ययन से हमें सौरमंडल के बारे में अधिक जानकारी मिलती है। आगामी सूर्य ग्रहण भी एक रोचक घटना होगी, जिसका अध्ययन वैज्ञानिक और ज्योतिषाचार्य कर रहे हैं।

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