शिकायत के बाद जागी सूरजपुर शिक्षा विभाग की ‘कुंभकर्णी नींद’, संभागीय संयुक्त संचालक के दखल के बाद ढाई महीने बाद खत्म किया संलग्नीकरण…

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के आदेशों की अनदेखी करना अब सूरजपुर के जिला शिक्षा अधिकारी की पहचान बन गई है। शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद, सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की घोर लापरवाही सामने आई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 जून, 2025 को जारी किए गए संलग्नीकरण समाप्त करने के आदेश को डीईओ कार्यालय ने ढाई महीने तक ठंडे बस्ते में डाले रखा। यह कार्रवाई तब हुई जब संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा, सरगुजा संभाग से मिली एक शिकायत के बाद विभाग को आखिरकार जागना पड़ा ।
ज्ञात हो कि शासन ने स्थानांतरण नीति 2025 के तहत सभी विभागों को जिला स्तर पर कर्मचारियों के संलग्नीकरण को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्देश दिया था। लेकिन, सूरजपुर में इस आदेश की सरेआम अनदेखी की गई। स्थिति की गंभीरता तब उजागर हुई जब रामानुजनगर स्थित विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-02, सहायक ग्रेड-03 और भृत्य के संलग्नीकरण को लेकर शिकायत मिली।
संभागीय संयुक्त संचालक के दखल के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करनी पड़ी।
18 अगस्त, 2025 को जारी पत्र में डीईओ ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि वे तत्काल अपने यहां संलग्न कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थ संस्था में वापस भेजें और इसकी रिपोर्ट पेश करें। इस देरी ने विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह साबित होता है कि बिना बाहरी दबाव या शिकायत के सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कोई कार्रवाई नहीं होती।
सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही ने ना केवल शासन की नीतियों का मजाक बनाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि स्थानीय अधिकारी मनमानी करने में लगे हैं।



