कर्मचारियों के भविष्य निधि धोखाधड़ी: लेखापाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार, ₹11 लाख से अधिक का गबन

बलरामपुर-रामानुजगंज: जनपद पंचायत वाड्रफनगर में मनरेगा कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) खाते से ₹11,26,254 के गबन के आरोप में तत्कालीन लेखापाल वीरेंद्र कुमार यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह जगते को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने धोखाधड़ी कर यह राशि डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह की पत्नी अंजू सिंह के खातों में स्थानांतरित की थी।
चौकी वाड्रफनगर थाना बसंतपुर को जनपद पंचायत वाड्रफनगर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मोहम्मद निजामुद्दीन से 29 जुलाई 2025 को एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई। शिकायत में बताया गया कि जून 2023 से जून 2025 तक पदस्थ रहे लेखापाल वीरेंद्र कुमार यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह ने मिलकर मनरेगा कर्मचारियों के EPF खातों से ₹11,26,254 की राशि धोखे से अंजू सिंह के भारतीय स्टेट बैंक और फिनो बैंक स्थित खातों में ट्रांसफर कर दी। अंजू सिंह के इन खातों का संचालन उसके पति और आरोपी भगवान सिंह द्वारा किया जाता था।
पुलिस के अनुसार, मनरेगा कर्मचारियों के EPF की राशि जमा करने के लिए आने वाले OTP लेखापाल वीरेंद्र कुमार यादव के मोबाइल पर आते थे, जिसका उपयोग वह भगवान सिंह के साथ मिलकर उसकी पत्नी के खाते में पैसे जमा करवाने के लिए करता था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, प्रार्थी की रिपोर्ट पर चौकी वाड्रफनगर में अपराध क्रमांक 144/25 धारा 316(४), 318(३), 3(५) BNS के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तत्काल एक टीम गठित की गई और आरोपियों की तलाश की जा रही थी।
पुलिस ने लेखापाल वीरेंद्र कुमार यादव को रामानुजगंज से और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह को छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश सीमा स्थित फुली डूमर से धर दबोचा। चौकी लाकर पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त OTP प्राप्त करने वाले मोबाइल हैंडसेट और धोखाधड़ी से पैसे स्थानांतरित करने वाले खातों की पासबुक जब्त कर ली है।
दोनों आरोपियों को 29 जुलाई 2025 को माननीय जेएमएफसी न्यायालय वाड्रफनगर में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि प्रकरण में अन्य तथ्यों पर विवेचना जारी है।
इस पूरी कार्यवाही में चौकी प्रभारी वाड्रफनगर उप निरीक्षक धीरेंद्र तिवारी, सहायक उप निरीक्षक पुष्पराज सिंह, साइबर आरक्षक आकाश तिवारी, आरक्षक देव कुमार, आरक्षक रामगोपाल राम, और बालेश एक्का की सक्रिय भूमिका रही।





