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आतंकवाद के खिलाफ भारत रुख में निर्णायक बदलाव : अब हर आतंकी हमला माना जाएगा भारत के खिलाफ युद्ध, कड़ी कार्रवाई की तैयारी

हिन्द शिखर समाचार : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में एक बड़ा और निर्णायक बदलाव करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को देश के विरुद्ध युद्ध के समान माना जाएगा और इसका जवाब उसी कठोरता से दिया जाएगा। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, के बाद सरकार ने यह कड़ा रुख अपनाया है। इस हमले ने, जिसे सीमा पार आतंकवाद का घिनौना चेहरा बताया जा रहा है, राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश और कड़ी कार्रवाई की मांग को जन्म दिया था।
उ इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी संगठनों और उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने वाले तत्वों को यह स्पष्ट संदेश देना है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। अब तक, आतंकवादी हमलों को कानून और व्यवस्था की समस्या या आंतरिक सुरक्षा चुनौती के तौर पर देखा जाता रहा है। लेकिन इस नए दृष्टिकोण के तहत, ऐसे कृत्यों को राष्ट्र के खिलाफ अघोषित युद्ध के रूप में देखा जाएगा, जिसके प्रत्युत्तर में सैन्य और कूटनीतिक सहित सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
इस नीतिगत बदलाव के कई महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। सबसे पहला और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह आतंकवाद के प्रति भारत की “शून्य सहिष्णुता” की नीति को और अधिक मजबूती प्रदान करता है। सरकार का मानना है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त करना देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। दूसरा, यह फैसला आतंकवादी समूहों और उन्हें प्रायोजित करने वाले देशों को एक स्पष्ट और कड़ा संदेश देता है कि भारत अब किसी भी आतंकी कार्रवाई को हल्के में नहीं लेगा और इसका परिणाम उन्हें भुगतना होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के विचारों को विभिन्न माध्यमों से सुनने के बाद यह समझ जा सकता है कि यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम है। पहलगाम हमला, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित आम नागरिकों को निशाना बनाया गया, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादी संगठन अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में, एक मजबूत और निर्णायक प्रतिक्रिया ही उन्हें रोकने में कारगर साबित हो सकती है।
इस नए रुख के बाद, सरकार आतंकवादियों के खिलाफ खुफिया जानकारी को और मजबूत करने, सीमा सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत आतंकवाद के मुद्दे पर और अधिक मुखर होगा और उन देशों पर दबाव बनाएगा जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।

बहरहाल, भारत सरकार अपने इस नए फैसले को लेकर दृढ़ संकल्पित दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय तक, सभी स्तरों पर इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने की तैयारी चल रही है। सरकार का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ यह निर्णायक लड़ाई देश की सुरक्षा और भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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