हाईकोर्ट का शिक्षा विभाग को बड़ा झटका, प्राचार्य पदोन्नति पर तत्काल रोक, अवमानना नोटिस जारी
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग को उस समय एक बड़ा झटका लगा जब हाईकोर्ट ने प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी। न्यायालय ने यह कठोर कदम विभाग द्वारा पहले दिए गए आश्वासन का उल्लंघन करने के कारण उठाया है। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को अवमानना का नोटिस भी जारी किया है, जिससे विभाग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यह मामला तब सामने आया जब हाईकोर्ट में प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर सुनवाई चल रही थी। पिछली सुनवाई, जो कि 28 मार्च को हुई थी, में शिक्षा विभाग ने न्यायालय को आश्वस्त किया था कि अगली सुनवाई तक कोई भी प्राचार्य पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया जाएगा। इस आश्वासन को कोर्ट ने गंभीरता से लिया था।
हालांकि, इस वादे के विपरीत, स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग ने 30 अप्रैल को एक आदेश जारी करते हुए 2925 शिक्षको की पदोन्नति सूची सार्वजनिक कर दी। इस सूची में ई और टी संवर्ग के व्याख्याताओं और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया गया था। विभाग के इस कदम को हाईकोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश और विभाग के आश्वासन का सीधा उल्लंघन माना है।
न्यायालय ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पदोन्नति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है। इसके अतिरिक्त, विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें यह पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
इस घटनाक्रम से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। जिन 2925 शिक्षकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया गया था, उनकी पदोन्नति अब अधर में लटक गई है। वहीं, विभाग के अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही का खतरा मंडरा रहा है।
मामले की अगली सुनवाई 7 मई को निर्धारित की गई है। इस सुनवाई में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के समक्ष अपना क्या पक्ष रखता है और न्यायालय इस गंभीर मामले में क्या निर्णय लेता है।




