भैयाथान के परसिया में सरकारी स्कूल के प्रधान अध्यापक के लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है!

लालचंद शर्मा हिंद शिखर न्यूज़ भैयाथान। भैयाथान क्षेत्र के बैजनाथपुर (परसिया) में स्थित सरकारी स्कूलों में प्रधान अध्यापक की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। सरकारी नुमाइंदे भले ही बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का जबर्दस्त दावा कागजों पर कर रहे हों, किन्तु उनके दावे की जमीनी हकीकत सुदूरवर्ती सरकारी स्कूलों में एकदम उलट देखने को मिल जाएगी। इससे सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों नौनिहालों का भविष्य अंधेरे में सिमटती दिख रही हैं। कुछ इसी तरह विकास खंड भैयाथान क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय परसिया में देखने को मिला। इस विद्यालय पर महज एक अनुदेशक उपस्थित मिले। ग्रामीणों ने बताया कि यह विद्यालय सिर्फ भगवान के रहमोकरम पर चल रही है। यहां तैनात प्रधान अध्यापक का दर्शन कभी कभार ही हो पाता है। इस बाबत जब संबंधित लोग से पूछताछ की जाती है तो उनका रटा रटाया जबाव सुनने को मिलता है कि मास्टर साहब आवेदन लिखकर छुट्टी पर है।
प्रधानाध्यापक के अनुपस्थित होने का कारण नही बताया गया। विद्यालय के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि गुरुजी नियमित तौर पर नही रहते हैं,कभी कभी विद्यालय आते है। उनके पास तो कक्षा में जाने का समय ही नही बचता है। जबकि उक्त विद्यालय में 26 बच्चे नामांकित बताएं गए। अभिभावकों ने कहा कि अगर शिक्षक 26 बच्चों को ढंग से पढ़ाए तो बच्चे किसी नर्सरी विद्यालय से कम तेज नही होंगे लेकिन न जाने कब सरकारी अध्यापक अपनी जबाबदेही समझेंगे यह कहना मुश्किल है।
बी ई ओ भैयाथान का यह कहना है
‘भैयाथान बी ई ओ का कहना है हमे इसकी सूचना पूर्व में भी दिया गया है इस शिक्षक के रवैये के बजह से इसका मानसिक छः महीने से वेतन रोक दिया गया है।’
ग्रामीणों को उच्च पहुँच का धौस दिखाकर डरता है प्रधान अध्यापक शास्त्री
ग्रामीण अध्यापक के बारे में यह भी कहते हैं अध्यापक हमेशा शराब के नशे में स्कूल आता है और हस्ताक्षर कर कर के चला जाता है ग्रामीणों द्वारा पूछने पर बताया जाता है कि मास्टर साहब का साफ कहना होता है कि जहां शिकायत करना हो कर दो मुझे या मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता मेरा पहुंच बहुत ऊपर तक है।
बच्चों का कहना है
हमारे प्रधान अध्यापक शास्त्री बस आते हैं और चले जाते हैं हमें बिल्कुल भी नहीं पढ़ाते हैं जबकि वहां तैनात बाकी शिक्षक अपना कार्य अच्छे से कर रहे हैं।