लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष हरिशंकर सिंह संघ से निष्कासित

अम्बिकापुर/ छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष हरिशंकर सिंह को संघ विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रदेशअध्यक्ष रोहित तिवारी द्वारा संघीय पदों से मुक्त करते हुये उनकी प्राथमिक सदस्यता निरस्त कर दिया है। हरिशंकर सिंह लिपिक संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारी थे, वे वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष के साथ ही कोर कमेटी मेम्बर एवं आंदोलन रणनीति समिति के अध्यक्ष थे।
उनके खिलाफ सरगुजा संभाग सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से संघ विरोधी क्रियाकलाप की शिकायत निरंतर मिल रही थी।पुख्ता प्रमाण मिलने के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने सरगुजा संभाग के पदाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक किया।आपातकालीन बैठक में संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील टोप्पो, उप प्रांताध्यक्ष के जेड उस्मानी, संभागीय अध्यक्ष विकाश कश्यप, जिला अध्यक्ष सरगुजा अखिलेश सोनी, सचिव आलोक कुशवाहा, बलरामपुर जिलाध्यक्ष श्री रमेश तिवारी, सूरजपुर जिलाध्यक्ष मो इक़बाल अंसारी, कोरिया जिलाध्यक्ष मो सादिक़ अख्तर, रोहित साहू, रितेश गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।
बैठक के दौरान हरिशंकर सिंह के क्रियाकलापों पर चर्चा करते हुये प्रमाण सबके समक्ष प्रस्तुत गया। उपस्थित पदाधिकारियों ने एक मत होकर हरिशंकर सिंह के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही की माँग किया।
जिस पर सर्व सम्मति से प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें संघ से निष्कासित कर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। संघ की एकता एवं अखंडता के लिये ऐसे कठोर निर्णय लेना आवश्यक है। प्रदेश में लिपिकों के सबसे बड़े एवं सक्रिय संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा संघ में इस प्रकार फूट डालने का कुत्सित प्रयास करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ का प्रत्येक पदाधिकारी एवं सदस्य संघ संविधान के अनुरूप मर्यादित व्यवहार करें, एवं संघ के उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक बनें, विघ्न संतोषी व्यक्तियों हेतु इस संघ में कोई स्थान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी एक लिपिक संगठन ने हरिशंकर सिंह को संघ से निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ में स्थान देते हुये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी थी।
परन्तु हरिशंकर सिंह अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आये, विगत कई वर्षों से संघ में रहकर निजी स्वार्थ सिद्धि हेतु संघ विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
हरिशंकर सिंह के संघ से निष्कासन होने से सरगुजा संभाग सहित प्रदेश भर के लिपिकों में हर्ष व्याप्त है, सभी ने प्रदेश अध्यक्ष के इस साहसिक निर्णय का स्वागत किया।