सूरजपुर शिक्षा विभाग पर लगभग एक करोड़ के भ्रष्टाचार का लगा आरोप.. फर्नीचर खरीदी के पुराने आरोपों के बाद फिर लगा नया आरोप.. जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संकुलों से बगैर डिमांड लिए करवा दिया सप्लाई

सुरजपुर। प्रेमनगर जिला पंचायत सदस्य व बीजेपी नेता अजय श्याम ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर जिले सभी संकुलों में CSIDC के दर पर ई मानक पोर्टल के माध्यम से स्कूलों में बगैर डिमांड लिए घटिया किस्म के फर्नीचर सप्लाई को तत्काल बन्द करवाकर सप्लाई हो चुके फर्नीचर की भुगतान रोकने की मांग की है
जिला पंचायत सदस्य अजय श्याम ने आरोप लगया है कि जिले में शिक्षा अधिकारी के मिली भगत से प्रत्येक संकुल स्त्रोत केंद्र हेतु 80000 राशि से फर्नीचर ग्रांट में स्वीकृति की गई है। सामग्री क्रय की कार्यवाही CSIDC दर पर ई – मानक पोर्टल के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी तथा भुगतान सीआरसी द्वारा किया जाना है। फर्नीचर सप्लाई के लिए प्रत्येक संकुल समन्वय से डिमांड लिया जाना था ताकि स्पष्ट हो सके कि संकुल में किन चीजो की आवश्यकता है। किंतु जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संकुल समन्वय से बगैर डिमांड लिए जिले के एक सप्लायर ” श्री श्याम स्टील इंडस्ट्रीज ” द्वारा सप्लाई करवाई जा रही है। जिले भर के प्रत्येक संकुलों में सप्लाई होने वाले फर्नीचर में गुणवता का ध्यान नही दिया गया है। तथा घटिया किस्म के फर्नीचर सप्लाई करवाई जा रही है। ये फर्नीचर चंद महीनों में जर्जर हो जाएगी। साथ ही संकुलों मे जिन फर्नीचर की आवश्यकता नही है। उसे भी सप्लाई करवाया जा रहा है। जो शासन के राशि की बर्बादी है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी व सप्लायर की मिली भगत है। ज्ञापन में कहा कि फर्नीचर सप्लाई को तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए भुगतान रोक कर भ्रष्टाचार में लिप्त जिला शिक्षा अधिकारी पर तत्काल कठोर कार्यवाही करने की मांग की है। श्री श्याम ने कहा कि जिले भर में 111 संकुल है सभी संकुलों के केंद्र सरकार की ओर से 80 हजार रुपये की रकम संकुल समन्वय को दी गई थी। जिसे जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुलों से बगैर डिमांड लिए अपने मन माफिक सप्लाई करवा दिया है जो मनमानी है। इस राशि का उपयोग संकुल समन्वय को अपने आवश्यकता फर्नीचर खरीद कर किया जाना था। ऐसे में देखें तो पूरे जिले में करीब 88 लाख 80 हजार रुपये का सप्लाई किया गया है। जबकि समीप के जिले बलरामपुर में क्लेक्टर ने तत्काल संज्ञान में लेकर जांच के निर्देश डीईओ को दिए है। जो दिखता है कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद किस तरह से भ्रटाचार अपने चरम पर है। प्रशासन को तत्काल संज्ञान में लेकर ऐसे भ्रष्ट अधिकारी लर कार्यवाही किया जाना चाहिए।