सूरजपुर

हाथियों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा.. फिर एक दंतैल हाथी का करंजवार जंगल में मिला शव.. हाथी के नाक से निकल रहा खून, वन विभाग की टीम पहुंची मौके पर

प्रतापपुर। सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले में हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है।आज प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के 4 किमी दूरी पर करंजवार जंगल में दंतैल हाथी का शव मिला है।विभाग को जानकारी ग्रामीणों से मिली।सूचना पर वन अमला घटना स्थल पर पहुंच चुका है। हाथी की मौत कैसे हुई, इसका पता अभी तक नहीं चल सका है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हाथी के मृत हाथी के नाक से लगातार खून निकल रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों से प्यारे हाथी सहित अन्य हाथी धरमपुर-प्रतापपुर सर्किल में विचरण करने की खबर मिल रही थी।इन्हीं हाथियों में एक हाथी का शव आज सुबह मुख्यालय से 4 किमी दूर करंजवार जंगल में मिला है।
पिछले 4 महीने में प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 4 हाथियों की मौत हो चुकी है। करंजवार जंगल में हाथी की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व इसी जंगल में हाथी का सड़ा-गला शव मिला था। शव काफी पुराना हो चुका था लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।

हाथियों की मौत का सिलसिला जारी.. कॉलर आईडी योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

सूरजपुर जिला के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में जिस तरह से हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है, उससे कुछ ही दिनों में हाथी यहां देखने को नहीं मिलेंगे। वन अमले का रवैय्या भी हाथियों को लेकर उदासीन है।उन्हें हाथियों के लोकेशन की जानकारी भी पुख्ता नहीं रहती है। ऐसे में हाथी लोगों के घर तोड़ने के अलावा जनहानि भी करते हैं। वन विभाग की रेडियो कॉलर लगाकर लोकेशन पता करने की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।इस योजना से लोगों का भला तो नहीं हो रहा लेकिन अधिकारियों का जेब जरूर भर रहा है।

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