सूरजपुर

38 करोड़ का एकलव्य विद्यालय विवादों में: घटिया निर्माण का आरोप, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का एसडीएम को अल्टीमेटम—7 दिन में जांच नहीं, तो होगा ‘चक्का जाम’

चंद्रिका कुशवाहा प्रतापपुर। केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना, जिसका लक्ष्य आदिवासी और गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, इन दिनों प्रतापपुर में बड़े विवादों में घिर गई है। लगभग ₹38 करोड़ की लागत से बन रहे इस विद्यालय के निर्माण कार्य में खुलेआम घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगा है, जिससे यह परियोजना ‘शिक्षा के मंदिर’ के बजाय ‘भ्रष्टाचार की नींव’ बनती दिख रही है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण मानकों को ताक पर रखा जा रहा है, और आश्चर्यजनक रूप से विभागीय अधिकारी इस गंभीर अनियमितता पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस लापरवाही ने प्रशासनिक अधिकारियों और निजी फर्म की मिलीभगत की आशंका को जन्म दिया है।

गोंडवाना पार्टी का ‘अल्टीमेटम’

इस गंभीर विषय पर कार्रवाई की मांग करते हुए, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) की प्रतापपुर इकाई ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) को एक सख्त ज्ञापन सौंपा है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि यह मामला केवल सरकारी धन के दुरुपयोग का नहीं, बल्कि क्षेत्र के आदिवासी छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने चार प्रमुख मांग प्रशासन के समझ रखी है

स्वतंत्र तकनीकी जांच: निर्माण कार्य की तत्काल प्रभाव से एक निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच कराई जाए।

कार्य पर रोक: जांच पूरी होने तक संपूर्ण निर्माण कार्य को तुरंत रोका जाए।

कठोर कार्रवाई: दोषी ठेकेदार, इंजीनियर और संबंधित विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।

पारदर्शिता: जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
7 दिन बाद ‘चक्का जाम’ की चेतावनी

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने प्रशासन को कड़ा अल्टीमेटम दिया है कि यदि अगले सात दिनों के भीतर इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे प्रतापपुर में वृहद चक्का जाम आंदोलन शुरू करेंगे। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस महत्त्वपूर्ण परियोजना को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने देगी और आदिवासी समाज के भविष्य के लिए संघर्ष करेगी।
स्थानीय समाजसेवियों ने भी प्रशासन से अपील की है कि करोड़ों की इस परियोजना की साख बचाने और बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए इस मामले को त्वरित संज्ञान में लिया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button