कैबिनेट का बड़ा फैसला: शासकीय सेवकों को वेतन के विरुद्ध मिलेगा ऋण, 100 स्पेशल एजुकेटर की सीधी भर्ती को हरी झंडी दिव्यांगजनों के ₹24.50 करोड़ के बकाये ऋण को एकमुश्त चुकाएगी सरकार

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार ने शासकीय सेवकों, दिव्यांगजनों और शिक्षा विभाग के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाने पर मुहर लगाई है।
शासकीय सेवकों को अल्पावधि ऋण की सुविधा
मंत्रिपरिषद ने शासकीय सेवकों की आकस्मिक वित्तीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अब उन्हें वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से वेतन के विरूद्ध अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव प्राप्त करने की कार्रवाई के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है। वित्त विभाग द्वारा पात्र संस्थाओं के साथ किए जाने वाले एमओयू के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया है।
100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती का रास्ता साफ
शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर के पदों पर सीधी भर्ती को लेकर एक बार की छूट प्रदान की गई है। कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियम-2019 के प्रावधानों को शिथिल करते हुए, 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती अब चयन परीक्षा के बजाय सीधी मेरिट के आधार पर करने का अनुमोदन प्रदान किया है। यह फैसला दिव्यांगजनों की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और भर्ती प्रक्रिया में तेज़ी लाएगा।
दिव्यांगजनों का ₹24.50 करोड़ का ऋण चुकाया जाएगा
दिव्यांगजनों के हित में एक और बड़ा निर्णय लेते हुए, मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) की बकाया ऋण राशि को एकमुश्त वापस करने का फैसला लिया। यह बकाया ऋण राशि ₹24,50,05,457/- है। NDFDC द्वारा राज्य के दिव्यांगजनों को स्वरोजगार और शिक्षा के लिए यह ऋण न्यूनतम 3 प्रतिशत ब्याज की दर से दिया जाता था। इस कदम से कर्जदार दिव्यांगजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्य सचिव को विदाई
बैठक में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हो रहे 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अमिताभ जैन को भावभीनी विदाई दी गई, जबकि नव-नियुक्त मुख्य सचिव विकास शील (भारतीय प्रशासनिक सेवा 1994 बैच) का मंत्रिपरिषद ने स्वागत किया।
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