जीएसटी काउंसिल की मैराथन बैठक: 12% और 28% स्लैब खत्म, अब सिर्फ 5% और 18% जीएसटी
नई दिल्ली: बुधवार को दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में जीएसटी काउंसिल की मैराथन बैठक हुई, जो सुबह 11 बजे शुरू होकर रात 9 बजे तक, यानी करीब 10 घंटे चली. इस बैठक में जीएसटी स्लैब में बड़े बदलावों को मंजूरी दी गई, जिससे आम जनता और कारोबारियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
GST Council की 56वीं बैठक में जीएसटी स्लैब से 12% और 28% को समाप्त कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे, जो भारत के टैक्स ढांचे के लिए एक नई शुरुआत होगी।
आपको बता दें कि दवाओं और औषधियों पर GST जीरो कर दिया गया है। काउंसिल ने सिन गुड्स के लिए 40% स्पेशल रेट को भी मंजूरी दे दी है और जीओएम द्वारा उठाए गए सभी प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है।
प्रमुख बदलाव:
दोहरे जीएसटी स्लैब: अब 12% और 28% के स्लैब को पूरी तरह से हटा दिया गया है. इसके बजाय, सिर्फ दो मुख्य स्लैब 5% और 18% रहेंगे.
सामानों पर असर: 12% के स्लैब में आने वाले लगभग 99% आइटम को 5% के स्लैब में और 28% के स्लैब में आने वाले ज्यादातर सामान को 18% में शिफ्ट कर दिया गया है.
नए स्लैब: पान मसाला और तंबाकू जैसे “सिन गुड्स” और लग्जरी कारों के लिए 40% का एक नया स्लैब प्रस्तावित किया गया है.
अन्य अहम फैसले:
ऑटोमैटिक रिफंड: जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया को ऑटोमैटिक करने पर सहमति बनी.
निर्यातकों के लिए सुविधा: निर्यातकों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन का समय 1 महीने से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है.
कपड़े और फुटवियर पर टैक्स कम: 2500 रुपए तक के कपड़े और फुटवियर पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है. पहले 1,000 रुपए से ऊपर के सामान पर 12% टैक्स लगता था.
रोजमर्रा की चीजों पर चर्चा: पनीर, खाखरा, चपाती, साबुन, टूथपेस्ट और शैंपू जैसी रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स 18% से घटाकर 5% या 0% करने पर भी चर्चा हुई.
हेल्थ इंश्योरेंस पर राहत: 5 लाख रुपए तक के कवरेज वाली हेल्थ पॉलिसी और टर्म इंश्योरेंस पर पूरी तरह से छूट देने पर भी विचार किया गया है.
विपक्ष की आपत्ति और आगे की राह
बैठक में कुछ विपक्षी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी मुआवजे का मुद्दा उठाया. उनका कहना था कि जब तक राज्यों के वित्तीय नुकसान की भरपाई नहीं होती, तब तक रेट स्ट्रक्चर में बदलाव पर सहमति नहीं दी जा सकती. इस पर सरकार ने साफ किया कि अगर सहमति नहीं बनती है, तो वोटिंग का विकल्प भी अपनाया जा सकता है.
क्या-क्याहोगामहंगा?
जहां आम चीज सस्ती होगी वहीं कुछ प्रोडक्ट्स को महंगा भी किया जा रहा है सरकार एक नया 40% टैक्स लैब लाने की तैयारी कर रही है दिन में ऐसे प्रोडक्ट्स महंगी होंगे जो समाज के लिए नुकसानदायक माने जाते हैं इनमें शराब तंबाकू सिगरेट शुगर ड्रिंक फास्ट फूड और जुए से जुड़े प्रोडक्ट शामिल होंगे इसके अलावा कुछ लग्जरी चीजों के बीच में रखा रखा जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोसेक्टरमेंराहत
एक फ्री टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक के लिए अभी 28% समझ में आती है लेकिन अब इन्हें 18% फ्लैट में लाया जाएगा एक पर कारी 1500 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक की बचत हो सकती है इसी तरह 32 इंच से ऊपर वाले टीवी भी सस्ते हो सकते हैं
खाने-पीने की चीजें अब 5% स्लैब में
GST रिफॉर्म के बाद अब तक जिन चीजों पर 12% टैक्स लगता था, वे सीधे 5% स्लैब में आ जाएंगी. मतलब अब भुजिया, नमकीन, केचअप, आलू चिप्स, पैक जूस, पास्ता, नूडल्स, बटर, घी, चीज़, लस्सी, कंडेंस्डमिल्क जैसी चीजें सस्ती हो जाएंगी.ये सब चीजें आम आदमी के रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हैं, और इनका सस्ता होना राहत भरा कदम है.






