बीएड की फर्जी डिग्री के नाम पर 40 हजार की ठगी, अंबिकापुर में पिता-पुत्र गिरफ्तार

अंबिकापुर: बी.एड. की डिग्री दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से 40 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने और फर्जी मार्कशीट देने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने दो आरोपियों, एक पिता और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद को एक यूनिवर्सिटी का ब्रोकर बताकर यह ठगी की।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित कैस मोहम्मद ने 25 अगस्त को कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 2022 में उनकी बेटी ने प्री-बीएड प्रवेश परीक्षा दी थी। इसी दौरान, अंबिकापुर के किसान राइस मिल के पास रहने वाले करन सग्गर ने उनसे संपर्क किया और खुद को रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी का ब्रोकर बताया। उसने दावा किया कि वह बिना अटेंडेंस के बी.एड. की डिग्री दिलवा सकता है और इसके लिए चार सेमेस्टर की कुल फीस 80,000 रुपये होगी।
पीड़ित करन सग्गर की बातों में आ गया और उसने शुरुआत में उसे 40,000 रुपये नकद दे दिए। जब पीड़ित ने अपनी बेटी के एडमिशन के बारे में पूछा तो करन और उसके पिता सतीश सग्गर टालमटोल करने लगे और कहने लगे कि कॉलेज उनका ही है और वह नॉन-अटेंडिंग सर्टिफिकेट दे देंगे। एक साल बाद, करन सग्गर ने पीड़ित को व्हाट्सएप पर दो सेमेस्टर की फर्जी मार्कशीट भेज दी। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाँच करने पर पता चला कि यह मार्कशीट पूरी तरह से नकली है और इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 120(बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 467, 468, और 471 (फर्जी दस्तावेज बनाना) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान, पुलिस ने आरोपियों द्वारा भेजे गए फर्जी मार्कशीट का प्रिंटआउट, व्हाट्सएप चैट और एडमिशन की रसीद जब्त की। कलिंगा यूनिवर्सिटी से पुष्टि होने पर मार्कशीट के फर्जी होने की रिपोर्ट मिली।
पुलिस ने पहले आरोपी सतीश सग्गर को गिरफ्तार किया था और अब उसके बेटे करन सग्गर को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया है।
पूरी कार्रवाई में कोतवाली थाना प्रभारी मनीष सिंह परिहार, उप निरीक्षक वंश नारायण शर्मा, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, छत्रपाल सिंह और आरक्षक देवेंद्र पाठक, लालभुवन सिंह सहित पूरी टीम सक्रिय रही।


