गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार ने पेश किए 3 विधेयक

केंद्र सरकार ने संसद में तीन विधेयक पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर उनके पद से हटाना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये विधेयक प्रस्तुत किए, जिनमें 130वां संविधान संशोधन विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक शामिल हैं। इन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा।
विधेयकों के अनुसार, यदि कोई मंत्री 30 दिनों तक किसी ऐसे अपराध में गिरफ्तार या हिरासत में रहता है जिसकी सजा 5 साल या उससे अधिक है, तो उसे 31वें दिन पद से हटा दिया जाएगा।
इन विधेयकों के नाम हैं:
केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025: इस विधेयक का लक्ष्य केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करना है, यदि वे गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाते हैं। यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 में संशोधन करेगा।
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025: यह विधेयक प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों या दिल्ली के मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर पद से हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239एए में संशोधन करने का प्रस्ताव रखता है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025: यह विधेयक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री या मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी या हिरासत के बाद पद से हटाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे। इन विधेयकों का उद्देश्य मौजूदा कानूनों में मौजूद इस कमी को दूर करना है, क्योंकि वर्तमान में गंभीर आपराधिक आरोपों के चलते इन पदों पर बैठे लोगों को हटाने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।





