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एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया, 16 साल की उम्र से RSS के स्वयंसेवक के रूप में की थी सार्वजनिक जीवन की शुरुआत

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस महत्वपूर्ण फैसले का ऐलान किया। यह कदम ऐसे समय में आया है जब देश में अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी चल रही है, और यह माना जा रहा है कि राधाकृष्णन की उम्मीदवारी दक्षिणी भारत में भाजपा की पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

लंबा और बहुमुखी राजनीतिक सफर:
आरंभिक जीवन और संघ से जुड़ाव: 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत महज 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक स्वयंसेवक के रूप में की थी। संघ की विचारधारा और अनुशासन ने उनके राजनीतिक व्यक्तित्व को आकार दिया।

जनसंघ से भाजपा तक:

आरएसएस से जुड़ने के बाद, वह भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने, जहाँ उन्होंने संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। बाद में, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और 1994 में तमिलनाडु भाजपा के सचिव नियुक्त किए गए। उनकी संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए, उन्हें 2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

संसदीय अनुभव: सीपी राधाकृष्णन दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 1998 और 1999 में कोयम्बटूर लोकसभा सीट से चुनाव जीता। संसद में उन्होंने वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और कई अन्य वित्तीय एवं सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ी समितियों में सक्रिय रहे।

राज्यपाल के रूप में प्रशासनिक अनुभव:

हाल के वर्षों में, राधाकृष्णन ने संवैधानिक पदों पर भी अपनी प्रशासनिक क्षमता का प्रदर्शन किया है।
फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक वह झारखंड के राज्यपाल रहे।
उन्हें मार्च 2024 से जुलाई 2024 तक तेलंगाना के राज्यपाल और मार्च से अगस्त 2024 तक पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया।
31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के 21वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली।

एनडीए की रणनीति:

जेपी नड्डा ने घोषणा करते हुए कहा कि सीपी राधाकृष्णन का 40 साल का सफल सार्वजनिक जीवन है। उनके पास विधायी और प्रशासनिक दोनों का व्यापक अनुभव है, जो उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे गरिमापूर्ण पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को दक्षिण भारत में भाजपा के विस्तार की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। तमिलनाडु से आने वाले एक अनुभवी नेता को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर, भाजपा ने दक्षिण भारत के राज्यों को एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है।

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