57,000 शिक्षक भर्ती का इंतजार: छत्तीसगढ़ के बेरोजगार डीएड-बीएड युवाओं का अनोखा ‘शादी कार्ड’, सरकार पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में डीएड और बीएड की डिग्री लिए हजारों बेरोजगार युवा सरकारी शिक्षक भर्ती की बाट जोह रहे हैं। अपनी मांग को लेकर इन युवाओं ने अब एक अनोखा और व्यंगात्मक रास्ता अपनाया है – उन्होंने प्रस्तावित 57,000 शिक्षक भर्ती को लेकर एक ‘शादी का कार्ड’ छपवाया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यह कार्ड भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गारंटी’ पर सीधा तंज कस रहा है।
इस कार्ड में ‘दूल्हा’ “चि. समस्त डीएड एवं बीएड डिग्रीधारी छ.ग.” को बताया गया है, जो ‘गरीब मध्यम परिवार’ और ‘डीएड एवं बीएड कॉलेज’ के ‘सुपुत्र’ हैं। वहीं, ‘दुल्हन’ के रूप में “सौ. कां. 57,000 शिक्षक भर्ती” को दर्शाया गया है, जिसके ‘पिता’ ‘छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार’ और ‘माता’ ‘विधानसभा घोषणा पत्र’ हैं। खास बात यह है कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी’ को ‘दुल्हन’ के ‘सुपौत्र’ (यहां गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है, संभवतः ‘पितामह’ या ‘संरक्षक’ का अर्थ है) के रूप में दिखाया गया है, जो ‘मोदी की गारंटी’ पर कटाक्ष है।
कार्यक्रम की तिथियों में तीखा व्यंग्य
कार्ड में शादी के विभिन्न कार्यक्रमों की तिथियों में भी तीखा व्यंग्य छुपा है:
माटी पूजन/चुलमाटी: “57,000 शिक्षक भर्ती दो साल के भीतर 2025 तक” – यह दिखाता है कि भर्ती प्रक्रिया में कितना समय लगने का अनुमान है।
देव पूजन/देवतला: “33,000 शिक्षक भर्ती एक साल के भीतर 2024 तक” – यह भाजपा के चुनावी वादों और उनकी धीमी गति पर सवाल उठाता है।
चिकट हर्दियाही जुमलेबाजी: “4 इंजन के साथ चरणबद्ध 2028 तक” – यह ‘डबल इंजन’ सरकार के नारे और भर्ती प्रक्रिया को 2028 तक खींचने की संभावना पर गहरा कटाक्ष है, जिससे युवाओं का धैर्य टूट रहा है।
पाणिग्रहण एवं टिकावन: “भाजपा सरकार के नियत और वित्तमंत्री जी के अनुमति के अनुसार” – यह सरकारी नीतियों, नौकरशाही की देरी और वित्त विभाग की मंजूरी के पेचीदा रास्तों पर तंज है।
‘बारात प्रस्थान’ का स्थान ‘समस्त डीएड बीएड डिग्रीधारी के घर से शदाणी दरबार के पास प्रदेश भाजपा कार्यालय रायपुर छत्तीसगढ़’ बताया गया है, जो स्पष्ट रूप से भाजपा कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने की उनकी मंशा को दर्शाता है।
बेरोजगारों की बढ़ती हताशा का प्रतीक
यह व्यंगात्मक ‘शादी कार्ड’ ‘छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित शिक्षक संघ छत्तीसगढ़’ द्वारा जारी किया गया है। यह सिर्फ एक मज़ाकिया प्रयास नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के हजारों डीएड-बीएड डिग्रीधारी युवाओं की बेरोजगारी, हताशा और सरकारी वादों के प्रति निराशा का स्पष्ट प्रमाण है। वे लंबे समय से शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं, और भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वादा भी किया था। इस कार्ड के जरिए वे सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं कि वह अपने वादों को पूरा करे और जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस अनूठे विरोध प्रदर्शन पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या यह व्यंग्य सरकार को युवाओं की मांगों पर ध्यान देने के लिए मजबूर करेगा?





