महिला को लोहे के गर्म चिमटे से जलाकर प्रताड़ित करने वाले पति, सास और ससुर गिरफ्तार
विवाहिता के हाथ-पैरो को बांधकर लोहे के गर्म चिमटे से जलाने के आरोप में उसके पति, सास और ससुर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान आकाश तिवारी (30 वर्ष), हरिशंकर तिवारी (75 वर्ष) और तारावती तिवारी (65 वर्ष) के रूप में हुई है, सभी शारदापुर, त्रिकुण्डा के निवासी हैं।
जानकारी के अनुसार, पीड़िता रितु तिवारी ने 18 जुलाई 2025 को त्रिकुण्डा थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी शादी 2016 में आकाश तिवारी से हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद से ही उसके पति, सास और ससुर दहेज के लिए उसे ताने मारते और प्रताड़ित करते थे। उसने बताया कि पूर्व में भी उसने रघुनाथनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन तब समझौता हो गया था।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके पति ने 2021 में अंबिकापुर निवासी श्रद्धा मिश्रा से उसकी जानकारी के बिना शादी कर ली, जिससे उन्हें डेढ़ साल की एक बेटी भी है। 3 जुलाई 2025 को रात करीब 11 बजे इसी बात को लेकर पति, सास और ससुर ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने मिलकर उसे पानी में डुबो-डुबो कर लात-घूसों से मारा। उसके पति ने उसे डंडे से भी पीटा। इसके बाद सभी ने मिलकर उसके हाथ-पैर गमछे और रस्सी से बांध दिए और लोहे के चिमटे को गैस चूल्हे पर गर्म कर उसके शरीर के कई हिस्सों, खासकर चेहरे, हाथ, पैर और पीठ पर जला दिया। जिससे उसका चेहरा कुरूप हो गया और शरीर पर गहरे चोट के निशान भी हैं।
पीड़िता ने बताया कि 3 जुलाई 2025 से 12 जुलाई 2025 तक उसे एक कमरे में बंद रखा गया। होश आने पर उसने अपनी बेटी की मदद से बंधी हुई रस्सी खुलवाई। उसके पिता अलोपी पाण्डेय को किसी और से जानकारी मिलने पर वे 12 जुलाई 2025 को उसकी मां लीलावती और भाई अभिषेक के साथ शारदापुर पहुंचे। पीड़िता ने उन्हें पूरी घटना बताई, जिसके बाद वे उसे अपने घर कमालपुर रघुनाथनगर ले गए और वहां उसका इलाज कराया। पीड़िता ने यह भी बताया कि उसे जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक बलरामपुर-रामानुजगंज श्री वैभव बैंकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्वादीपक त्रिपाठी और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस रामानुजगंज श्री बाजीलाल सिंह के मार्गदर्शन में त्रिकुण्डा थाना प्रभारी निरीक्षक व्यास नारायण चुरेंद्र के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। पीड़िता का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाड्राफनगर में डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया, जिसमें डॉक्टरों ने गंभीर चोटें होने की पुष्टि की। इसके बाद मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(2) को जोड़ा गया।
पुलिस ने मुख्य आरोपी आकाश तिवारी, हरिशंकर तिवारी और तारावती तिवारी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

उन्होंने बताया कि 3 जुलाई की रात आकाश तिवारी ने अपनी पत्नी को मोबाइल पर चैटिंग करते देख उस पर चरित्र संदेह किया और मारपीट करने लगा, जिसमें अन्य आरोपी भी शामिल हो गए। उन्होंने महिला के हाथ-पैर बांध दिए और लोहे के गर्म चिमटे से उसे जलाया तथा डंडे से भी मारपीट की।
आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त गैस चूल्हा, गैस सिलेंडर, लोहे का चिमटा, रस्सी और गमछा मौके से जब्त कर लिया गया। पर्याप्त साक्ष्य और सबूत पाए जाने पर आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड के लिए माननीय न्यायालय वाड्राफनगर के समक्ष पेश किया गया है।
इस मामले की कार्यवाही में थाना प्रभारी निरी. व्यास नारायण चुरेंद्र, उपनिरीक्षक जवाहर तिर्की, सहायक उपनिरीक्षक गोपाल राम, प्रधान आरक्षक विजय टोप्पो, आरक्षक लखेश्वर बघेल, विनोद आयाम, बबलू बेक, नरेंद्र कश्यप और महिला आरक्षक समुद्री यादव का योगदान रहा।





