लखनपुर
अवैध शराब पर कार्रवाई करने पहुंचे आबकारी विभाग के कर्मचारियों पर अवैध वसूली का ग्रामीणों ने लगाया आरोप

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र के लखनपुर विकासखंड के ग्राम सेलरा, देव, भूडू और लब्जी के ग्रामीणों ने आबकारी विभाग के कर्मचारियों पर अवैध महुआ शराब के नाम पर जबरन वसूली का आरोप लगाया है। यह मामला गुरुवार, 17 जुलाई को तब सामने आया जब आबकारी विभाग की टीम इन गांवों में अवैध महुआ शराब पर कार्रवाई करने पहुंची थी।
ग्रामीणों का कहना है कि वे सभी कृषि कार्यों में व्यस्त थे, तभी आबकारी विभाग की टीम उनके घरों में जबरन घुस गई और अवैध महुआ शराब की जांच करने लगी। ग्रामीणों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि इस दौरान कर्मचारियों ने उनसे अवैध वसूली भी की। यह घटना अब लखनपुर क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बनी हुई है।
स्थानीय मीडिया को जब ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना दी और वे मौके पर पहुंचे, तो आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भागने लगे। मीडियाकर्मियों ने जब वाहन रुकवाकर उनसे अवैध महुआ शराब पर की जा रही कार्रवाई के बारे में पूछताछ की, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिए और किसी भी प्रकार की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं। यहां की परंपरा के अनुसार, आदिवासी तीज-त्योहारों और खेती-बाड़ी के समय शराब का सेवन करते हैं। सरकार ने भी इन्हें शराब बनाने के लिए कुछ छूट दे रखी है। ऐसे में आबकारी विभाग पर लगे ये आरोप गंभीर हैं और इनकी निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे सभी कृषि कार्यों में व्यस्त थे, तभी आबकारी विभाग की टीम उनके घरों में जबरन घुस गई और अवैध महुआ शराब की जांच करने लगी। ग्रामीणों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि इस दौरान कर्मचारियों ने उनसे अवैध वसूली भी की। यह घटना अब लखनपुर क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बनी हुई है।
स्थानीय मीडिया को जब ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना दी और वे मौके पर पहुंचे, तो आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भागने लगे। मीडियाकर्मियों ने जब वाहन रुकवाकर उनसे अवैध महुआ शराब पर की जा रही कार्रवाई के बारे में पूछताछ की, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिए और किसी भी प्रकार की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं। यहां की परंपरा के अनुसार, आदिवासी तीज-त्योहारों और खेती-बाड़ी के समय शराब का सेवन करते हैं। सरकार ने भी इन्हें शराब बनाने के लिए कुछ छूट दे रखी है। ऐसे में आबकारी विभाग पर लगे ये आरोप गंभीर हैं और इनकी निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।





