बलरामपुर

तंत्र-मंत्र के फेर में मासूम की बलि: अपने बीमार बेटे को ठीक करने 3 वर्षीय बच्चे का अपहरण कर गला रेतकर बलि देने वाला हैवान गिरफ्तार

बलरामपुर: एक वीभत्स घटना में, अपने बीमार बेटे के ठीक होने के अंधविश्वास में एक तीन वर्षीय मासूम की बलि देने वाले आरोपी राजू कोरवा (40) को सामरीपाठ पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। आरोपी ने मिठाई और बिस्किट का लालच देकर नाबालिग बच्चे का अपहरण किया और फिर लोहे की छूरी से गला रेतकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।
यह मामला तब सामने आया जब प्रार्थी बिरेंद्र नगेसिया ने 6 अप्रैल 2024 को सामरीपाठ थाने में अपने 3 वर्षीय बेटे अजय नगेसिया के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बिरेंद्र ने बताया कि 29 मार्च 2024 को वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ महुआ फूल इकट्ठा करने झलबासा जंगल गए थे। 1 अप्रैल 2024 को जब वह स्कूल से लौटे, तो उनकी पत्नी ने बताया कि उनका बेटा अजय, जो पास के महुआ पेड़ के नीचे खेल रहा था, लापता हो गया है। पति-पत्नी ने आसपास के गांवों, जंगल और नदी-नालों में बच्चे की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस अधीक्षक श्री वैभव बैंकर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी के दिशा-निर्देशन में तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी श्री इम्मानुएल लकड़ा के मार्गदर्शन में गुमशुदा बालक की तलाश शुरू की गई। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि आरोपी राजू कोरवा ने मृतक के दादा और एक ग्रामीण झल्लू के साथ तंत्र-मंत्र करने के बहाने अजय नगेसिया को खोजने की बात कही थी और बताया था कि “बड़ा पूजा करना पड़ेगा तभी मिलेगा।” पुलिस को इसकी जानकारी मिलने पर राजू कोरवा से पूछताछ की गई, लेकिन वह लगातार अपने बयान बदलता रहा और पुलिस को गुमराह करता रहा।
पुलिस ने मुखबिरों और ग्रामीणों से लगातार सूचनाएं इकट्ठा कीं। कुछ ग्रामीणों से महत्वपूर्ण सुराग मिलने के बाद, राजू कोरवा को दोबारा बुलाकर कड़ाई से पूछताछ की गई। पूछताछ में राजू कोरवा ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसका बड़ा लड़का बचपन से मिर्गी और मानसिक रूप से कमजोर है। उसने यह मन बना लिया था कि महादानी देवता को “आदमी बच्चा” की बलि देने से उसका बेटा ठीक हो जाएगा।
आरोपी ने बताया कि घटना वाले दिन, ग्राम झलबासा के रास्ते में उसे 2.5 से 3 साल का अजय नगेसिया अकेला दिखा। वह उसे मिठाई-बिस्किट का लालच देकर अपनी गोद में उठाकर घर ले गया। उसी दिन उसने लोहे की छूरी से बच्चे का गला रेतकर हत्या कर दी। धड़ को बोरे में डालकर उसने उसी रात बोडादह कोना नाले में जला दिया, जबकि बच्चे का सिर 3 दिनों तक अपने घर में छिपाकर रखा। जब मृतक के परिजन बच्चे को खोजने लगे, तो उसने बच्चे के सिर को कपड़े में लपेटकर बोइदहा नाले के पास लगभग 2 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया और ऊपर से मिट्टी डालकर 4-5 पत्थर रख दिए। उसने घटना में इस्तेमाल की गई लोहे की छूरी भी अपने घर में छिपा रखी थी।
आरोपी के कबूलनामे के बाद, तहसीलदार सामरी की उपस्थिति में शव उत्खनन की कार्यवाही की गई। घटनास्थल से अजय नगेसिया की खोपड़ीनुमा हड्डी के अवशेष मिले, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर उसके घर से हत्या में प्रयुक्त लोहे की छूरी भी बरामद की गई।
राजू कोरवा, पिता लेब्दू कोरवा, उम्र 40 वर्ष, जाति पहाड़ी कोरवा, निवासी कटईडीह, पंचायत चटनिया, थाना चांदो, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज को धारा 302, 201 भादवि के तहत अपराध करना पाए जाने और स्वीकार करने पर आज 16 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में ले लिया गया है।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, स.उ.नि. आनंद मसीह तिर्की, प्र. आर. 681 संजय साहू, आर. 184 आदित्य कुजुर, आर. 928 संतोष यादव, आर. 110 अमित लकड़ा, और आर. 691 ओमकार रजक का सराहनीय योगदान रहा।

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