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भारत का पाकिस्तान और पीओके में करारा जवाब: पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन ‘सिंदूर’, आतंकी ठिकाने ध्वस्त.. पहली बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से आगे जाकर पाकिस्तान के अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने एक सटीक और समन्वित एयर स्ट्राइक को अंजाम देते हुए आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। इस ऑपरेशन, जिसे ‘सिंदूर’ नाम दिया गया है, पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात भर सीधी नजर रखी। भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और वहां आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया गया है।
पाकिस्तान का विलाप, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारीभारत की इस जवाबी कार्रवाई पर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने भारतीय वायुसेना पर भारतीय वायु क्षेत्र में रहते हुए ‘खुलेआम युद्ध की कार्रवाई’ करने का आरोप लगाया। डार ने दावा किया कि भारतीय विमानों ने मुरीदके और बहावलपुर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किया और आज़ाद जम्मू और कश्मीर के कोटली और मुज़फ़्फ़राबाद में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके नागरिक आबादी को निशाना बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि स्टैंडऑफ हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया गया है और इस ‘आक्रामक’ कार्रवाई में महिलाओं और बच्चों सहित कई नागरिकों की मौत हुई है। डार ने यह भी आरोप लगाया कि इस कार्रवाई से वाणिज्यिक हवाई यातायात को भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने भारत की इस कार्रवाई को ‘कायरतापूर्ण’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर-राज्य संबंधों के स्थापित मानदंडों का ‘घोर उल्लंघन’ करार दिया और चेतावनी दी कि भारत की कार्रवाई ने दो परमाणु-सशस्त्र राज्यों को एक बड़े संघर्ष के करीब ला दिया है।
हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को उम्मीद थी कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, लेकिन इसके बजाय उसने इनकार कर दिया। इसके बाद भारत की यह कार्रवाई नपी-तुली, जिम्मेदाराना और गैर-बढ़ावा देने वाली प्रकृति की थी, जिसका उद्देश्य अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी जानकारी दी है। अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस में अपने समकक्षों से बातचीत कर उन्हें भारतीय सेना द्वारा की गई इस कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया गया है।
नौ ठिकानों पर सटीक निशाना, पीएम मोदी की सीधी निगरानी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान के भीतर स्थित थे, जिनमें बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पांच ठिकाने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित थे। इन आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए सटीक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया गया। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि इस पूरे ऑपरेशन को भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की तीनों शाखाओं ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।
इस बीच, उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रात भर इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन पर लगातार नजर बनाए हुए थे। उन्हें पल-पल की जानकारी दी जा रही थी और सभी नौ ठिकानों पर हमले की सफलता सुनिश्चित की गई।
सटीक हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल, खुफिया जानकारी का अहम योगदान
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणालियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में लोइटरिंग हथियारों (ऐसे हथियार जो लक्ष्य क्षेत्र में घूमते हैं और हमला करने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं) का भी इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमलों के लिए सटीक निर्देश भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा मुहैया कराए गए थे। सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि ये हमले भारतीय धरती से ही किए गए थे। इससे पहले, यह भी जानकारी मिली थी कि भारतीय सेना और वायुसेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में उनकी भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से इन स्थानों का चयन किया था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयम की अपील और ट्रंप का बयान
भारत की इस कार्रवाई के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
वहीं, पाकिस्तान के अंदर भारतीय हमलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पहलगाम हमले को ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी ओवल ऑफिस में प्रवेश करते ही मिली। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि अतीत की घटनाओं के आधार पर लोगों को आशंका थी कि कुछ होने वाला है, क्योंकि दोनों देश लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह स्थिति बहुत जल्दी समाप्त हो जाएगी।
देश में उत्साह, नेताओं ने सेना को सराहा
भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पूरे देश में उत्साह का माहौल है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भारतीय सेना की बहादुरी और त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर ‘भारत माता की जय!’ का नारा लगाया और सेना के शौर्य को सलाम किया।
इस बीच, वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और उन्हें इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी।
भारत की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है और यह स्पष्ट संदेश देती है कि देश अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया किस प्रकार सामने आती है।





