सम्पादकीय

जनता कर्फ्यू के 1 साल पूरे.. तब 360 कोरोना मरीज पर लगा था लॉकडाउन ..आज 47 हजार नए मरीज पर बेफिक्री से घूम रहे हैं लोग

हिंद शिखर न्यूज ।  22 मार्च, यह वही दिन है जब देश के प्रधानमंत्री ने साल 2020 में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था. इस दौरान जो कुछ हुआ, देश में तालाबंदी, लोगों का सड़कों पर आकर थाली पीटना इत्यादि शायद अब कई दशकों तक ऐसा अनुभव शायद ही किसी को होने वाला है. लेकिन 22 मार्च 2020 को कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए भारत सरकार द्वारा जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया. इसके बाद देश में लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू का दौर चलने लगा. नए साल की शुरुआत के साथ लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू का असर कुछ कम होने लगा था लेकिन फरवरी के अंत में फिर से कोरोना के दूसरे लहर ने दस्तक दे दी है.
ऐसे में मार्च महीने में फिर से साल 2020 की याद आ गई जब जनता कर्फ्यू के नाम पर लॉकडाउन का ट्रायल भारत सरकार द्वारा किया गया. एक बार फिर मार्च महीने में कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. कई राज्यों के बड़े शहरों में लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू दोबारा लागू कर दिया गया है. हालांकि हमारे पास वैक्सीन होने के बावजूद इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यह सबसे ज्याता अफसोस करने वाली बात है. क्योंकि जब वैक्सीन नहीं थी उस दौरान लोगों की मौत कोरोना से होना समझ में आया लेकिन जब वैक्सीन है उस दौरान लोगों की मौत और भी डरावनी है. यानी वैक्सीन के आने के बाद जो लोग सोच रहे थे कि कोरोना खत्म हो जाएगा, ऐसा दिखाई नहीं पड़ रहा है. महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, दिल्ली इत्यादि बड़े राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर देखने को मिल रही है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना के मामलों में वृद्धि क्यों देखने को मिल रही है?

इस सवाल का जवाब आपको और सबको मालूम है. क्योंकि जब लॉकडाउन लागू किया गया, उस दौरान लोगों में कोरोना महामारी को लेकर काफी जागरूकता थी, यानी नियमों का पालन करना इत्यादि चीजे लोगों द्वारा की गईं.

क्यों आई कोरोना की दूसरी लहर

लेकिन जब कुछ राज्यों में लॉकडाउन में राहत अच्छे कारणों से दी जाने लगी तो लोगों का द्वारा इसका गलत फायदा उठाया गया और लोगों ने जमकर कोरोना के नियमों की अनदेखी की. साथ ही वैक्सीन आने के बाद लोग और लापरवाह हो गए और नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई. लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क इत्यादि आधारभूत नियमों का पालन नहीं किया. लोगों को लगने लगा कि वैक्सीन आने के बाद अब कोरोना से उन्हें कोई खतरा नहीं है. लेकिन यहीं सबसे बड़ी गलती हुई और कोरोना अपने दूसरे फेज में पहुंच गया और महाराष्ट्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन चुका है.
यहां के बाजारों, मंडियों में कई लोग बिना मास्क के घूमते दिखते और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का लगभग सभी राज्यों में लोगों ने उल्लंघन किया. सरकार द्वारा बार बार लोगों को नियमों के पालन की सलाह दी जाती रही लेकिन लोगों ने नियमों की अनदेखी की जिसका परिणाम है कि कई राज्यों में कोरोना के मामले फिर से तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं. ऐसे में अगर कोरोना से मुकाबला करना है तो हमें सरकार द्वारा जारी सभी नियमों का उचित तरीके से पालन करना ही होगा.

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