भूमि संरक्षण विभाग द्वारा बनाया गया बांध, चढ़ा भ्रष्टाचार के भेंट, क्या दोषियों पर होगी कार्यवाही
राकेश पाठक हिन्द शिखर ब्यूरो सूरजपुर :- किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से बनवाया गया बांध भ्रष्टाचारियों के भेंट चढ़ गया। भ्रष्टाचारियों की यह करतूतें क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग़ौरतलब है कि विकासखण्ड भैयाथान के ग्राम पंचायत बैजनाथपुर’ल में प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019- 20 में लगभग 39 लाख लागत राशि से बांध निर्माण कराने की स्वीकृति मिली । जिसके निर्माण की जिम्मेदारी भूमि संरक्षण विभाग को सौंपी गई। जिसे कागजों में पुर्ण कर लिया गया है । पर बांध को देखने के बाद यह पता चलता है कि निर्माण में काफी अनिमितताएं बरती गई है। प्रदेश सरकार के द्वारा जिस उद्देश्य से यह बांध की स्वीकृति दी गयी उस उद्देश्य पर निर्माण एजेंसी भूमि संरक्षण विभाग ने पानी फेर दिया । इस निर्माण कार्य के दौरान विभागिय अधिकारी व कर्मचारी मिलकर सरकार के पैसे का जमकर बंदरबाट किये हैं । जानकारों की माने तो बांध निर्माण के दौरान उपयोग किये गए पत्थर काफी निम्न स्तर का है आस-पास के गावँ व खुदाई के समय जो पत्थर निकाले गए उसी को तोड़कर बांध के दीवार में लगवाया गया है, वहीं उच्च स्तर के बड़े पत्थर का बिल लगाकर राशि आहरण कर लिया गया है । साथ ही प्राकलन के अनुसार खुदाई भी नही किया गया जिससे शायद ही यह बांध पहली बरसात को संभाल पाये । भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इस बांध में किये भ्रष्टाचार व अनिमितताओं से क्षेत्र के ग्रामीण काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने की अपील किये हैं।
दर्जनों पेड़ों की दी गयी बलि
जहां एक तरफ शासन, प्रशासन पेड़ों की कटाई रोकने व वृक्षों रोपण कराने को लेकर प्रचार-प्रसार के साथ विभिन्न प्रकार के योजनायों का संचालन कर रही है, वहीं इनके कुछ ऐसे भी नुमाइंदे हैं जो इन योजनायों को ताक में रखकर जमकर पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। ज्ञात हो कि जिस स्थान पर यह बांध बनवाया गया है वह चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। इस स्थान पर विभिन्न प्रकार के वृक्षों की विसाल समूह स्थित है। जिसमे सरई, साल, महुआ व आंवला आदि प्रमुख हैं । ऐसे दर्जनों पेड़ों की बलि बांध निर्माण के दौरान दी गयी है जिन पेड़ों का ठूंठ निर्माण स्थल पर देखा जा सकता है ।
शिर्फ़ नाम मात्र का वेस्ट वियर
बांध निर्माण के दौरान वेस्ट वियर का भी निर्माण किया जाता है इसके निर्माण होने से बांध में ज्यादा जल भराव होने पर वेस्ट वियर के माध्यम से पानी की निकासी हो जाती है । पर भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इस बांध में निम्न स्तर के वेस्ट वियर का निर्माण कराया गया है। जानकारों की माने तो यहां बने वेस्ट वियर को किसी प्रकार का सही नही ठहराया जा सकता ,यह पूर्ण रूप से प्राकलन के विपरीत है, बांध में ज्यादा जल भराव होने पर यह वेस्ट वियर पानी के बहाव के साथ ही बह जाएगा।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी
इस संबंध में प्रभारी एडीओ एम .के राठौर का कहना है कि बांध निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है, और यह पूर्णतः प्राकलन अनुसार कराया गया है। वहीं प्रभारी सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी जी.आर.पठाड़े ने कुछ दिन पूर्व प्रभार लेना बताया और कहा कि बीते वर्ष का कार्य होने के वजह से उनको जानकारी नही है, जानकारी उपरांत ही कुछ बता पायेंगे। खैर जिम्मेदार अधिकारी जो भी जवाब दें,पर एक बात साफ है कि इस बांध में विभाग द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।
होगी कार्यवाही
इस संबंध में सूरजपुर कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा से बात की गई । जिन्होंने मौके पर अधिकारी भेजकर जांच कराने की बात कही। साथ ही उंन्होने जांच उपरांत अनिमितताएं पाए जाने पर कार्यवाही करने की भी बात कही है।