एक ओर आकस्मिक मौत तो दूसरी ओर दाह संस्कार के लिए लकड़ी नहीं पत्थलगांव वन विभाग में दाह संस्कार के लिए लकड़ी तक नसीब नहीं

मुकेश अग्रवाल, हिंद शिखर न्यूज़ पत्थलगांव सही कहा जाता है कि मौत आदमी को कब और कहां किस तरीके से मिल जाए वह ऊपर वाला ही जानता है ।कल रात पत्थलगांव में 15 सालों से मुर्रा मिक्चर का ठेला लगाकर जीवन यापन करने वाले अशोक गुप्ता की मौत काल बनकर आई जहां अशोक गुप्ता प्रतिदिन की भांति रात्रि 8:00 बजे करीब बस स्टैंड चौक के पास से अपने दिन भर के व्यवसाय को समेट कर अपने घर की ओर आ रहे थे तभी एसडीएम गली के पास काल बनकर आई एक बोलेरो ने मुर्रा ठेले को इतनी जोरदार टक्कर मारी की ठेले से सारा सामान बिखर गया एवं मुर्रा व्यवसाई अशोक गुप्ता मौके पर ही घायल हो गए ।जिसके बाद दुर्घटना कारी बोलेरो घटनास्थल पर ही अशोक गुप्ता घायल को छोड़कर रफूचक्कर हो गई ।आसपास के लोगों ने 108 के माध्यम से घायल अशोक गुप्ता को सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे जहां पत्थलगांव सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने घायल की हालत को काफी गंभीर बताते हुए अंबिकापुर रिफर कर दिया ।जहां रास्ते में ही बतौली के नजदीक अशोक गुप्ता की सांसे थम गई। घर का अकेला गुजर-बसर करने वाला बारिश की मौत से पूरा परिवार में चीख चित्कार गूंजने लगी एवं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। मामले की रिपोर्ट पत्थलगांव थाने में की गई किंतु घटना कारित बोलेरो अभी तक पुलिस पहुंच बाहर है।
पत्थलगांव वन विभाग के पास दाह संस्कार के लिए भी लकड़ियां मौजूद नहीं
पत्थलगांव वन विभाग यूं तो हमेशा ही चर्चा में बने रहता है। वन विभाग के पास महीने से ज्यादा समय से लकड़ियां मौजूद नहीं है जहां एक ओर मृतक के परिजन इस आकस्मिक मौत से उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है वहीं दूसरी ओर दाह संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्था करने की चिंता लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ।पत्थलगांव के समाजसेवी संजय तिवारी ने जब लकड़ियों के लिए मृतक के परिजनों की बात सुनी तो उन्होंने तत्काल ही अन्य समाजसेवियों की मदद से लकड़ियों की व्यवस्था कर मृतक का दाह संस्कार किया । संजय तिवारी ने वन विभाग की इस तरह के कार्यशैली को लेकर भी काफी चिंताएं व्यक्त की एवं अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही पर कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कही।
दाह संस्कार के लिए लकड़ियां मौजूद नहीं होने के संबंध में जब हमारे संवाददाता ने पत्थलगांव एसडीओ पैकरा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि महीनों से ज्यादा समय हो चुका है हमारे द्वारा आसपास के जिलों से लकड़ियों के लिए मांग पत्र भेजा गया है जो अभी तक पहुंच नहीं पाया। हमारे जिले में लकड़ियों की कमी बनी हुई हैं जिस के संबंध में मेरे द्वारा जिला वन मंडल अधिकारी को अवगत करा दिया है एवं जिले में 5 सालों से कूपकटिंग का काम नहीं हुआ है इसलिए लकड़ियों की कमी पूरे जिले भर में बनी हुई है। जल्द ही मेरे द्वारा बलरामपुर जिले से लकड़ियों की व्यवस्था की जा रही है।