कोरबा

बालको को मिला ‘बेस्ट ब्रांड्स 2020’ का खिताब

विनोद शुकला कि रिपोर्ट जिला कोरबा
बालकोनगर, विश्वस्तरीय प्रबंधन, उच्च गुणवत्ता के एल्यूमिनियम उत्पादन, ग्राहक संतुष्टि, नवाचार, सामुदायिक विकास आदि के लिए बालको ने ‘बेस्ट ब्रांड्स 2020’ का खिताब जीता। इकोनाॅमिक टाइम्स की ओर से आयोजित वर्चुअल पुरस्कार समारोह में बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने भागीदारी की। चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक माहौल में उद्योग के बेहतरीन प्रचालन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप उत्पादन के विभिन्न मानदंडों पर खरा उतरने के लिए यह सम्मान बालको को दिया गया।

श्री पति ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्तर का सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने सम्मान का श्रेय बालको के स्टेकहोल्डरों को दिया। श्री पति ने कहा कि एल्यूमिनियम भविष्य की धातु है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। बालको में वेदांता लिमिटेड की अंशधारिता 51 फीसदी है। 49 प्रतिशत अंशधारिता भारत सरकार की है। प्रति वर्ष 5 लाख 70 हजार टन गर्म धातु का उत्पादन अत्याधुनिक स्मेल्टरों में किया जाता है।

श्री पति ने कहा कि कोरबा की सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में बालको का योगदान महत्वपूर्ण है। बालको से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से जुड़े देश भर के नागरिक उद्योग के जरिए राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे रह हैं। स्थानीय स्तर पर ही 5000 से अधिक व्यवसाय बालको की प्रगति से जुड़े हैं। साढ़े पांच दशकों में बालको की भागीदारी से लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं।

श्री पति ने कहा कि एल्यूमिनियम उत्पादन, नवाचार एवं प्रबंधन के क्षेत्र में बालको ने वैश्विक स्तर पर अपनी साख बनाई है। प्रचालन क्षेत्र से लगे गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण, आधारभूत संरचना विकास की परियोजनाओं से जरूरतमंदों को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिल रही है। विकास की अनेक परियोजनाओं ने डेढ़ लाख से अधिक नागरिकों के जीवन को छूआ है। वैश्विक महामारी कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय में बालको ने जिला प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों के समन्वयन में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई।

औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में अनेक कार्यक्रम संचालित किए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को प्रोत्साहित किया गया है। लगभग 41 लाख पौधे विभिन्न प्रचालन क्षेत्रों में रोपे गए। ‘शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट, शून्य उत्सर्जन’ नीति के अनुरुप व्यवसाय के उच्च मानदंडों का पालन करते हुए बालको राष्ट्र निर्माण में सतत योगदान के लिए कटिबद्ध है।

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