कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किये नवरात्र पर्व से संबंधित दिशा-निर्देश , पंडालों में मूर्ति स्थापना के लिए सात दिन पहले एसडीएम या तहसीलदार से लेनी होगी अनुमति
विनोद शुक्ला, ब्यूरोचीफ हिंद-शिखर कोरबा । कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, मूर्ति की ऊंचाई छह फिट तथा चैड़ाई पांच फिट से अधिक नहीं होगी,
मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरान भोज, भंडारा, जगराता तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम रहेगी प्रतिबंधित
कोरबा / कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुये नवरात्र पर्व मनाने के लिये दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुये नवरात्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये विशेष दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। मूर्ति स्थापना समिति को विशेष निर्देशों का पालन करना होगा। समिति को कोविड प्रोटोकाॅल का सख्ती से पालन करना होगा जिससे नवरात्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके। कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशानुसार मूर्ति की ऊंचाई छह फिट एवं चैडाई पांच फीट से अधिक नहीं होगी। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 फिट लंबाई और 15 फिट चैड़ाई से अधिक नहीं होगी। मूर्ति स्थापना होने वाले पंडाल के सामने कम से कम तीन हजार वर्गफीट की खुली जगह होना जरूरी है। पंडाल एवं सामने तीन हजार वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिये। एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी कम से कम 250 मीटर होना जरूरी है। पंडाल के सामने दर्शको के बैठने के लिये अलग से पंडाल नहीं होगी। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिये कुर्सी लगाने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी।
नवरात्र पर्व को मनाने के लिये जारी प्रोटोकाॅल के अनुसार मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना जरूरी होगा। दर्शन के लिये आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज रजिस्टर में करना होगा। नाम दर्ज होने से दर्शन के लिये आने वाले लोगों में कोई भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति के कोरोना संकमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें। घर के अंदर मूर्ति स्थापित किये जाने की स्थिति में तथा अन्य परिवार के व्यक्तियों के मूर्ति दर्शन के लिये नहीं आने की स्थिति में सीसीटीवी लगाना जरूरी नहीं होगा। नवरात्र पर्व के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करना होगा। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सैनेटाइजर, थर्मल स्कीनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करना होगा। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नही देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति को फिजिकल डिस्टेसिंग, आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग लगाकर करना होगा। यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संकमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति को वहन करना होगा। कटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनु्मति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।