छत्तीसगढ़राज्य

दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों की देखभाल के लिए अब शिक्षकों की लगेगी ड्यूटी


अम्बिकापुर।क्वारेंटीन सेंटरों में मजदूरों की देखरेख को लेकर शिक्षकों की ड्यूटी लगने लगी है। दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों को 14 दिन तक रखने के लिए सरकारी स्कूलों को क्वारेंटीन सेंटर बनाया गया है।जहां दो 2 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जो मजदूरों की देखरेख करेंगे।कोरोना संक्रमण रोकने के लिए स्कूलों को 13 मार्च से बंद कर दिया गया है इसके बाद शिक्षकों की छुट्टी लग गई थी। बीच में दो-तीन दिन मध्यान भोजन का सूखा राशन बांटने के काम में लगाया गया था।अब उनकी फिर से ड्यूटी लगाई जा रही है।दूसरे राज्यों में कमाने खाने के लिए गए मजदूरों की वापसी शुरू हो गई है। ट्रेन बस और पैदल से काफी मात्रा में श्रमिक आने लगे हैं।

दूसरे राज्यों से अपने दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों को उनके गांव के स्कूलों में ठहराया जाएगा। पहले हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को उनके लिए तैयार किया गया था लेकिन मजदूरों की संख्या को देखते हुए स्कूल कम पड़ने लगी इसलिए प्राइमरी और मिडिल को भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।स्वास्थ्य विभाग ने कंटेनमेंट जोन में बुखार खांसी और सांस लेने में तकलीफ के लक्ष्यों वाले व्यक्तियों का पता लगाने के लिए सर्वे का काम शुरू किया है।

इसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों की ड्यूटी क्वारेंटीन सेंटरों में लगाई गई है जो सेंटरों में रहने वाले मजदूरों की देखरेख करेंगे।बिल्हा ब्लॉक के सभी 127 ग्राम पंचायतों के स्कूलों में बनाए गए हैं। जहां शिक्षकों को जाना होगा।

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