अम्बिकापुर

अंबिकापुर : सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 65 लाख रुपये के खाद्यान्न घोटाले का पर्दाफाश: सहकारी समिति की पूर्व उपाध्यक्ष गिरफ्तार,फरार अन्य आरोपियों की तलाश जारी

अंबिकापुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अंतर्गत संचालित राशन दुकानों से खाद्यान्न स्टॉक के गबन और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में अंबिकापुर की कोतवाली पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। पुलिस ने जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति की एक पूर्व पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सहायक खाद्य अधिकारी (अंबिकापुर ग्रामीण) शिव कुमार मिश्रा ने 07/10/25 को थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, घुटरापारा स्थित जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति के माध्यम से संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों (कमांक 391001071, 391001029 एवं 391001054) का संयुक्त रूप से भौतिक सत्यापन किया गया था।
सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 की स्थिति में की गई जाँच में तीनों दुकानों में खाद्यान्न स्टॉक की भारी कमी पाई गई। इस कमी की कुल राशि 64,94,120.67 रुपये है, जिसमें मुख्य रूप से शामिल है:

चावल: 1631.29 क्विंटल (राशि ₹61,62,267/-)
शक्कर: 10.43 क्विंटल (राशि ₹49,160/-)
चना: 48.34 क्विंटल (राशि ₹2,92,692/-)

मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 742/25 के तहत धारा 420, 409, 120(\text{बी}) भा.द.वि. एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

विवेचना के दौरान, पुलिस टीम ने मामले की आरोपिया सुनीता पैकरा (उम्र 29 वर्ष, साकिन घुटरापारा, अंबिकापुर) को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपिया ने घटना कारित करना स्वीकार किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपिया सितम्बर 2022 से 31 मार्च 2024 के बीच उक्त तीनों दुकानों को संचालित करने वाली सहकारी समिति की उपाध्यक्ष रही थी।

आरोपिया को धारा सदर के तहत अपराध घटित करने के साक्ष्य पाए जाने पर गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। पुलिस ने बताया कि स्टॉक रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज आरोपीया के पास नहीं पाए गए।

कोतवाली पुलिस (थाना प्रभारी शशिकांत सिन्हा के नेतृत्व में) अब इस प्रकरण में शामिल अन्य फरार आरोपियों का पता लगाने और उन्हें जल्द गिरफ्तार करने की दिशा में अग्रिम विवेचना कर रही है।

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