विकास से कोसों दूर सरगुजा का गांव:कीचड़ और गड्ढे भरी बदहाल सड़के..मरीज खाट पर, गर्भवती महिलाएं काँवर के सहारे..

लखनपुर, सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, और यहां के ग्रामीणों को हर दिन कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक दर्दनाक हाल लखनपुर विकासखंड के पुहपुटरा गांव के आश्रित ग्राम चिलबिल पण्डोपारा का है, जहां विशेष आरक्षित पण्डो जनजाति के लगभग 30 से अधिक परिवार निवास करते हैं।
इस गांव तक पहुंचने वाली एकमात्र सड़क की हालत बेहद खराब है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और बारिश के मौसम में यह पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो जाती है। यह सड़क ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से इस सड़क की मरम्मत या निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी पुकार अनसुनी की जा रही है। इसका सीधा असर ग्रामीणों के जीवन पर पड़ रहा है। आपात स्थिति में, खासकर गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को, परिवार के सदस्य और ग्रामीण दो किलोमीटर तक खाट या कांवर के सहारे मुख्य सड़क तक ले जाते हैं ताकि उन्हें एंबुलेंस मिल सके। कई बार तो उन्हें इसी तरह लहपटरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक भी ले जाना पड़ता है।
इस कठिन यात्रा के दौरान कई बार मरीज की हालत और भी बिगड़ जाती है। बरसात के दिनों में तो साइकिल और बाइक से भी इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है। आधुनिक सुविधाओं से वंचित होने के कारण ग्रामीणों का जीवन मुश्किलों से भरा है।
हाल ही में, ग्राम पंचायत द्वारा गड्ढों को भरने के लिए मुरूम और मिट्टी का उपयोग किया गया था, लेकिन बारिश के कारण यह प्रयास भी विफल हो गया। मुरूम मिट्टी अब कीचड़ बन चुकी है, जिससे सड़क की हालत और भी खराब हो गई है। यह एक अस्थायी समाधान था, जिसकी कोई खास मदद नहीं हुई।
इस स्थिति ने प्रशासन के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन कब तक विशेष आरक्षित जनजाति के इन ग्रामीणों को इस समस्या से मुक्ति दिलाकर सड़क उपलब्ध कराता है। विकास और सुशासन के तमाम दावों के बीच इस तरह के हालात यह दर्शाते हैं कि विकास की रौशनी अभी भी इन पिछड़े गांवों तक नहीं पहुंच पाई है।





