सरगुजा में धर्मांतरण का खेल जारी: मांझी समुदाय की बच्चियों को जबरन चर्च ले जाने का आरोप, ग्रामीणों ने महिला को पकड़ा

अंबिकापुर: सरगुजा जिले के मैनपाट में धर्मांतरण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मैनपाट ब्लॉक के ग्राम केसरा में मांझी समुदाय की बच्चियों को जबरन धर्म परिवर्तन कराने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना में आरती नाम की एक महिला पर आरोप लगा है कि वह कुछ मासूम बच्चियों को बहला-फुसलाकर चर्च ले जा रही थी।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को मैनपाट के सरभंजा गांव के कुछ स्थानीय युवकों ने इस महिला को रंगे हाथों पकड़ा। युवकों ने न सिर्फ इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया, बल्कि महिला को वहीं पर रोककर उसे समझाया भी। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
युवकों का कहना है कि आरोपी महिला पैसों और अन्य सुविधाओं का लालच देकर गरीब ग्रामीणों का धर्म परिवर्तन करा रही थी। आरोप है कि यह महिला बच्चियों का माइंड वॉश कर उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से दूर कर रही थी।
बताया जा रहा है कि मैनपाट के बरिमा गांव में हर रविवार को एक चर्च संचालित होता है, जहां आस-पास के गांवों से ग्रामीणों को बुलाया जाता है।
धर्मांतरण के इस सिलसिले से न केवल आस्था पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह आदिवासी और मांझी समुदायों की सदियों पुरानी परंपराओं और संस्कृति को भी कमजोर कर रहा है। यह समाज में धार्मिक विभाजन को भी बढ़ावा दे रहा है, जो सामाजिक सद्भाव के लिए एक बड़ा खतरा है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ आस्था का मामला नहीं है, बल्कि यह आदिवासी पहचान और उनके सामाजिक ताने-बाने पर सीधा हमला है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन इसे सिर्फ एक छोटा सा विवाद मानकर नजरअंदाज कर रहा है। अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले समय में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।



