नारायणपुर में नक्सलियों का आत्म समर्पण चार महिलाओं समेत आठ ने चुनी नई जिंदगी

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में गुरुवार को एक साहसिक और उम्मीद जगाने वाली घटना सामने आई, जब आठ नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें चार महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रॉबिन्सन गुड़िया ने इस घटना को शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।एसपी गुड़िया ने खुलासा किया कि ये नक्सली मुख्य रूप से हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति में शामिल थे, जो नक्सली गतिविधियों की रीढ़ माने जाते हैं। उन्होंने कहा, “हाल के ऑपरेशन में हमने इनके हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया था। यह झटका नक्सलियों के लिए भारी पड़ा। अब छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 की जानकारी के चलते कई नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं। यह उनके लिए एक नया जीवन शुरू करने का सुनहरा अवसर है।”आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत हरसंभव सहायता दी जाएगी। इसमें रोजगार, शिक्षा और सामाजिक समावेशन के अवसर शामिल हैं, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। यह घटना न केवल नारायणपुर, बल्कि पूरे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांति और समृद्धि की नई उम्मीद लेकर आई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह कदम हिंसा के साये से मुक्ति और क्षेत्र के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।क्या यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ चल रही जंग में एक निर्णायक मोड़ साबित होगा? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल यह कहानी हिम्मत, बदलाव और नई शुरुआत की प्रेरणा दे रही है।




