लखनपुर में नकली धान बीजों की खुलेआम लूट, कृषि विभाग की मिलीभगत से फल-फूल रहा काला कारोबार!”

लखनपुर नगर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में धान, खाद और बीज की दुकानें कुकुरमुत्तों की तरह उग आई हैं, लेकिन इनकी मनमानी और लापरवाही किसानों की कमर तोड़ रही है! बिना किसी मापदंड के, किराने की दुकानों से लेकर छोटे-छोटे ठेलों तक, हर जगह धान बीज का धंधा जोरों पर है। गुणवत्ता? उसका तो नामोनिशान नहीं! दुकानदार मनमाने दामों पर, बिना रेट लिस्ट या रसीद के, बीज ठेल रहे हैं। कुछ दुकानदार तो एक-दो कंपनियों का लाइसेंस दिखाकर दर्जनों कंपनियों के बीज बेच रहे हैं, वो भी “ब्रांडेड” का लेबल चिपकाकर! किसान इन बीजों को खेतों में बोते हैं, मगर 20 से 40% बीज तो उगते ही नहीं। नतीजा? मेहनत, समय और पैसा सब बर्बाद!किसान जैसे रूदन राम राजवाडे, राजू राम, मंगल राम और कई अन्य अपनी आपबीती सुनाते हैं। ये लोग नामी कंपनियों के “ब्रांडेड” बीज खरीदकर लाए, लेकिन खेतों में बोने के बाद सिर्फ निराशा हाथ लगी। दुकानदारों का जवाब? “कंपनी ने ऐसा माल भेजा, हम क्या करें!” न रेट लिस्ट, न रसीद, और न ही कोई जवाबदेही। किसान ठगा-सा महसूस कर रहा है, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं। कृषि विभाग के अधिकारी? वो तो बस कागजी खानापूरी में मशगूल हैं। नकली और घटिया बीजों की बिक्री पर रोक लगाने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। लखनपुर के बाजारों में डुप्लीकेट बीजों का खेल खुलेआम चल रहा है, और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। महंगे दामों में बीज खरीदने के बाद भी फसल न उगने की चिंता ने किसानों को रातों की नींद हराम कर दी है। सवाल यह है कि आखिर इस लूट का जिम्मेदार कौन है? और कब तक किसान इस ठगी का शिकार बनते रहेंगे?

डीडी उप संचालक कृषि पीतांबर दीवान से चर्चा करने पर उनके द्वारा बताया गया की आज ही कि शिकायत मिली है धान बीज की जांच के लिए टीम लखनपुर में भेजा गया है दुकानों की बीज जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।





