बलरामपुर

छत्तीसगढ़-झारखंड बॉर्डर पर नसीमूल हक और उसके 9 बेटों का आतंक, कनहर नदी में अवैध रेत उत्खनन रोकने गए पुलिसकर्मी को ट्रैक्टर से कुचला, पांच बेटों सहित 8 गिरफ्तार

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में अवैध रेत के काले कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। सनावल थाना क्षेत्र में रेत माफियाओं को रोकने गए शहीद पुलिस आरक्षक क्रमांक 809 शिवबचन सिंह की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज सफलता हासिल करते हुए रैकेट के सरगना नसीमूल हक उर्फ नसीम सहित आठ प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह शातिर गिरोह छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा का लाभ उठाकर कन्हर नदी से बड़े पैमाने पर अवैध रेत का परिवहन कर रहा था।
दिल दहलाने वाली यह घटना 12 मई की रात को उस वक्त हुई जब पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम, जिसमें शहीद आरक्षक शिवबचन सिंह भी शामिल थे, लिबरा घाट पर अवैध रेत उत्खनन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची थी। टीम को देखते ही रेत माफियाओं ने भागने की कोशिश की और इसी दौरान ट्रैक्टर चालक हमिदुल हक ने कर्तव्यनिष्ठ आरक्षक शिवबचन सिंह को जानबूझकर ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हैवानियत की हद पार करते हुए अन्य ट्रैक्टर चालकों ने भी टीम के अन्य सदस्यों को कुचलने का प्रयास किया।
इस जघन्य अपराध की सूचना मिलते ही पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री दीपक झा और पुलिस अधीक्षक श्री वैभव बैंकर रमनलाल ने तत्काल घटनास्थल का दौरा किया और आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीमें गठित करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक श्री वैभव बैंकर रमनलाल स्वयं सनावल थाने में कैंप कर रहे थे और उनकी देखरेख में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्वदीपक त्रिपाठी के नेतृत्व में सात टीमों ने झारखंड और उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ छापेमारी की।
पुलिस की गहन जांच में अवैध रेत के इस संगठित अपराध का मास्टरमाइंड झारखंड के गढ़वा जिले का रहने वाला 65 वर्षीय नसीमूल हक उर्फ नसीम निकला। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए कि नसीमूल हक एक बड़े गिरोह का संचालन करता था, जिसके पास दो ट्रैक्टर, दो हाईवा/टिप्पर और एक जेसीबी है। उसके नौ बेटे हैं और पूरा परिवार इस अवैध रेत और गिट्टी के धंधे में लिप्त है। नसीमूल हक कन्हर नदी से अवैध रूप से रेत निकालकर झारखंड के परासपानी में जमा करता था और फिर वहां से टिप्परों के जरिए झारखंड और उत्तर प्रदेश के बाजारों में बेचता था। गर्मी में नदी का जलस्तर घटने के बाद इस गिरोह ने छत्तीसगढ़ के लिबरा घाट से भी रेत का अवैध उत्खनन शुरू कर दिया था, जिसकी शिकायत स्थानीय ग्रामीणों ने की थी।
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मास्टरमाइंड नसीमूल हक ने उन्हें सख्त निर्देश दिए थे कि यदि छत्तीसगढ़ प्रशासन की टीम उनके अवैध कारोबार में बाधा डाले तो उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दें। इसी खौफनाक आदेश का पालन करते हुए हमिदुल हक ने शहीद आरक्षक शिवबचन सिंह की जान ले ली।
कानून के शिकंजे में जकड़े गए आरोपी:
* नसीमूल हक उर्फ नसीम (मास्टरमाइंड)
* हमिदुल हक (मुख्य आरोपी, हत्यारा ट्रैक्टर चालक)
* निजामुल हक
* आरीफूल हक
* जमील अंसारी
* उपेन्दर कोरवा (ट्रैक्टर चालक)
* शकील अंसारी
* अकबर अंसारी (सहयोगी, आरोपियों को भगाने में मदद करने वाला)
यह चौंकाने वाली बात है कि गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड नसीमूल हक के पांच बेटे, उसके भाई का बेटा और उसके बेटे का साला शामिल हैं। इसके अलावा, एक अन्य आरोपी उपेन्दर कोरवा नसीमूल हक के रिश्तेदार का ट्रैक्टर चलाता है। पुलिस ने इस खूनी वारदात में इस्तेमाल किए गए तीन ट्रैक्टरों को भी जब्त कर लिया है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के साथ-साथ वन अधिनियम और खनिज अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपियों को अपराध के बाद भागने में मदद करने वाले अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल ने बताया कि घटना के सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है और इस अंतर्राज्यीय अवैध रेत रैकेट में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश जारी है। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में निरीक्षक अजय साहू, निरीक्षक कुमार चंदन सिंह, निरीक्षक व्यास नारायण चुरेन्द्र, उप निरीक्षक हिम्मत सिंह शेखावत, उप निरीक्षक धिरेन्द्र तिवारी, उप निरीक्षक मनोज नवरंगे, उप निरीक्षक गजपति मिर्रे, उप निरीक्षक नवल किशोर दुबे, स०उ०नि० अश्वनी सिंह, स०उ०नि० राधेश्याम विश्वकर्मा, स०उ०नि० गोटिया राम मरावी, स०उ०नि० शिव कुमार सिंह, स०उ०नि० पंचम राम भगत, प्र०आर० मायापति सिह, प्र०आर० नारायण तिवारी, प्र०आर० विजय टोप्पों, प्र०आर० अमर टोप्पों, प्र०आर० विक्रम एक्का और साइबर टीम के प्र०आर० नागेन्द्र पाण्डेय, आर० राहुल यादव, आर० राजकमल सैनी, आर० मंगल सिंह, आर० सुखलाल, आर० पंकज शर्मा, आर० राजकिशोर, आर० आकाश तिवारी, आर० प्रशांत भगत शामिल थे। पुलिस की इस सफलता से अवैध रेत के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।

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