ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने लश्कर और जैश के पांच शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया, कंधार हाईजैक का साजिशकर्ता भी ढेर..

हिन्द शिखर समाचार । भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के पांच शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि मारे गए आतंकवादियों के जनाजो को पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर सम्मान के साथ सुपुर्द खाक किया गया था इनमें से कुछ के जनाजों में पाकिस्तान सेना के प्रमुख अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी भी देखी गई, जो आतंकवाद और पाकिस्तान के बीच गहरे गठजोड़ को उजागर करती है। इन मारे गए आतंकवादियों में कंधार विमान अपहरण (IC-814 हाईजैक) का साजिशकर्ता और दोनों आतंकी संगठनों के प्रमुख संचालकों के करीबी रिश्तेदार शामिल हैं।
मारे गए आतंकवादियों की पहचान इस प्रकार है:
* मुदस्सर खडियान उर्फ अबू जुंदाल: लश्कर-ए-तैयबा का एक महत्वपूर्ण कमांडर था और पाकिस्तान के मुरीदके स्थित मरकज तैयबा का प्रभारी था। सूत्रों के अनुसार, उसकी महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना ने न केवल उसके अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर दिया, बल्कि शीर्ष सैन्य अधिकारी भी वहां मौजूद थे।
* हाफिज मुहम्मद जमील: जैश-ए-मोहम्मद का एक बड़ा आतंकवादी था और प्रतिबंधित संगठन के सरगना मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था। वह बहावलपुर में मरकज सुब्हान अल्लाह का संचालन करता था और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलने और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था। इसके जनाजे में भी स्थानीय राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति दर्ज की गई।
* मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम, घोसी साहब: यह जैश-ए-मोहम्मद का एक कुख्यात आतंकी था और मसूद अजहर का साला था। वह संगठन में हथियारों के प्रशिक्षण का मुख्य प्रभारी था। इसके अलावा, वह जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल था और 1999 में हुए इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण (कंधार हाईजैक) की साजिश रचने वाले प्रमुख लोगों में से एक था। उसके अंतिम संस्कार में भी कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की मौजूदगी देखी गई।
* खालिद उर्फ अबू अकाशा: लश्कर-ए-तैयबा का यह आतंकी अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में लिप्त था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका था। उसकी पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुई अंत्येष्टि में न केवल पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने भाग लिया, बल्कि कुछ स्थानीय नेताओं को भी देखा गया।
* मोहम्मद हसन खान: जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा यह आतंकी भी सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में JeM के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। इसके जनाजे में भी कुछ जाने-माने लोगों की उपस्थिति रही।
सुरक्षा बलों द्वारा इस सफल ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। मारे गए ये आतंकवादी न केवल हमलों की योजना बनाने में शामिल थे, बल्कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी संगठनों के लिए धन जुटाने में भी सक्रिय थे। इन आतंकवादियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख अधिकारियों और नेताओं की मौजूदगी पाकिस्तान के आतंकवाद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन देने के रवैये को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

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