सूरजपुर

रिश्वतखोरी के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों पकड़े गए सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी निलंबित , पहले भी मिलेट्स खरीदी मे हो चुके हैं निलंबित

निजी स्कूलों के संचालकों से राइट टू एजुकेशन के तहत मिलने वाली प्रतिपूर्ति की राशि जारी करने के एवज में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए सूरजपुर के जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल को राज्य सरकार ने चार दिनों के बाद निलंबित कर दिया है ज्ञात हो कि सूरजपुर जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल को इससे पहले भी मिलेट्स खरीदी के आरोप में निलंबित किया जा चुका है 2023 में मिलेट्स की खरीदी में लाखों रुपए की अनिविता पाई गई थी जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था ।
हिरासत में 48 घंटे से ज्यादा अवधि तक रहने की वजह से सिविल सेवा नियम के तहत उन्हें निलंबित किया गया है। राज्य सरकार ने उनका निलंबन 15 फरवरी से किया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जेडी कार्यालय सरगुजा किया गया है।

दरअसल चार दिन पूर्व सूरजपुर जिले के डीईओ राम ललित पटेल को प्राइवेट स्कूल के संचालक से एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सरगुजा एंटी करप्शन टीम ने हाथों गिरफ्तार किया था, डीईओ ने पांच प्राइवेट स्कूल के संचालक से दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। वहीं, अंबिकापुर एसीबी को लगातार डीईओ के खिलाफ रिश्वत मांगे जाने को शिकायत मिल रही थी। इसी बीच लगातार शिकायत मिलने पर एसीबी ने डीईओ को पकड़ने की योजना बनाई थी।
सूरजपुर के डीईओ राम ललित पटेल ने रामरति पब्लिक स्कूल सहित जिले के चार अन्य स्कूलों छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल दतिमा, सरस्वती बाल मंदिर सोनपुर, प्रिया बाल मंदिर भटगांव एवं लक्ष्मी विद्या निकेतन नरोला के संचालकों को आरटीआई के तहत मिलने वाली प्रतिपूर्ति की राशि का 10 फीसदी हिस्सा बतौर रिश्वत मांगा था। यह रकम दो लाख रुपये थी।

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