अस्पताल में उपचार सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त करें, घटना की पुनरावृत्ति न हो – डॉ डहरिया प्रभारी मंत्री ने किया मातृ एवं शिशु अस्पताल का निरीक्षण
अम्बिकापुर । छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया रविवार को अम्बिकापुर पहुंचे। उन्होंने यहाँ राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध मातृ एवं शिशु अस्पताल में 36 घंटे में 5 नवजातों के मौत मामले में अस्पताल का रात्रि में ही निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के एसएनसीयू, शिशु वार्ड सहित ओपीडी का निरीक्षण किया और नवजातों के मृत्यु के कारणों की पूरी जानकारी चिकित्सा अधीक्षक एवं विभाग प्रमुख से ली। विगत 3 दिनों का अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ के डयूटी चार्ट देखा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वार्डो में भर्ती बच्चों के परिजनों से भी चर्चा की।
इसके बाद मंत्री डहरिया ने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ अस्पताल में ही जिला प्रशासन एवं अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित करते हुए कहा कि नवजातों के मौत की घटना दुर्भाग्यजनक है। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। उपचार या प्रबन्धन में कहीं भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रथम दृष्टया उपचार में लापरवाही प्रतीत हो रहा है। जांच में जो भी दोषी होंगे उन पर कार्यवाही होगी। उन्होंने शिशु रोग प्रभारी को नवजातों के मौत के कारणों की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि भविष्य में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक और शिशु रोग प्रभारी दोनों एक साथ अवकाश पर नहीं जाएंगे। विभाग प्रमुख अवकाश पर जाने से पहले अपने प्रभारी को दायित्व सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि यदि चिकित्सकों या अन्य स्टाफ की कमी है तो संविदा भर्ती कर कमी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने अस्पताल में साफ-सफाई में कमी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस पर सुधार लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों की हाजिरी बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन लेने तथा अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिलने आने वाले परिजनों की संख्या सीमित करने के निर्देश दिए ताकि अव्यवस्था न फैले।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि मृतक सभी नवजात प्रीमैच्योर बर्थ और अंडर वेट हैं। इसका बड़ा कारण गर्भावस्था में महिलाओं का कुपोषित होना भी है। इसलिए गर्भधारण के तीन महीने के पश्चात् ही कुपोषित एवं एनीमिक महिलाओं की जांच, उपचार एवं दवाई दिया जाना सुनिश्चित करें।
इस दौरान श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद, छत्तीसगढ़ आदिवासी स्वास्थ्य परम्परा व वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम,महापौर डॉ अजय तिर्की, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, प्रभारी कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, सी.एम.एच.ओ. डॉ पी.एस. सिसोदिया, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आर मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ लखन सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
शिशु रोग विभाग के निरीक्षण हेतु दल गठित
राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर के शिशु रोग विभाग में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., एन.आई.सी.यू., में उपलब्ध सुविधाओं के निरीक्षण हेतु संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा दल गठित कर दिया गया है। निरीक्षण दल में सिम्स बिलासपुर के सह प्राध्यापक शिशु रोग विभाग डॉ समीर जैन को अध्यक्ष तथा पण्डित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के सह प्राध्यापक शिशु रोग विभाग डॉ वीरेन्द्र कुर्रे एवं डॉ शशिकांत देवांगन को सदस्य बनाया गया है। संचालक चिकित्सा शिक्षा ने चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर का निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।