मजदूर विरोधी लेबर कोड बिल तथा कोल बीयरिंग एक्ट के खिलाफ बल्गी में सीटू ने किया विरोध प्रदर्शन

विनोद शुक्ला हिंद शिखर ब्यूरो कोरबा । केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत आज दूसरे दिन बल्गी एसईसीएल खदान के सामने सैकड़ों सीटू कार्यकर्ता और कर्मचारियों ने नारे बाजी कर मजदूर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की।
सीटू नेता अशोक ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि कारपोरेट परस्त मोदी सरकार द्वारा कोरोना संकटकाल को अपने अवसर के रूप में प्रयोग कर रही है 63 श्रम कानूनों को संशोधन कर 4 लेबर कोड बिल आचार संहिता में ले आई है साथ ही एक स्थाई आदेश स्टैंडिंग आर्डर भी लागू कर रही है जिससे स्थाई मजदूरों की अवधारणा खत्म हो जाएगी कोयला उद्योग में ठेका व एक निश्चित अवधि के लिए काम फिक्स टर्म एंप्लॉयमेंट वाले मजदूर बन जाएंगे , फायर एंड फायर जब चाहे काम से निकाल दो की नीति लागू कर रही है।सुविधाओं में कटौती हो जाएगी,काम के घंटे 8घंटे से 12घंटे की जा रही है।
सीटू नेता धागाराम ने कहा की हड़ताल के अधिकार को केंद्र सरकार खत्म कर रही है और कोयला वेतन समझौता कमेटी खत्म कर मालिक परस्त वेतन समझौता की नीति लागू कर रही है।
अभी मानसून सत्र में कोल बीयरिंग एक्ट 1957 जिसमें खनिज एवं कोयला खनन के लिए जमीन अधिग्रहण सरकारी संस्था एनसीडीसी के द्वारा किया जाता रहा है,2015 में नया बिल लाकर 214कोयला भण्डार को निजी कारपोरेट घरानों को आवंटित किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिए,अभी इस एक्ट में संशोधन कर कमर्शियल माइनिंग के लिए 68 कोल ब्लाक पुनः आवंटित कर रही है पुनः कोल बीयरिंग एक्ट में संशोधन कर देश की खनिज धरोहर को पूंजीपतियों को लूटने की आजादी की नीति लागू कर रही है अब केंद्र सरकार किसी को भी अधिग्रहण के लिए नियुक्त कर सकती है किसानों को राष्ट्र हित का धमकी देकर जमीन छीनने ,विस्थापन ,नौकरी की सुविधा से वंचित रखने की नीति लागू कर रही है निजी मालिकों के लिए रेल सड़क बैंक लोन की गारंटी देगी ।इस तरह से कोल इंडिया को खत्म करने का शाजिस कर रही है विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से अशोक,धागाराम,राधेश्याम, शंभुशंकर,विशाल सिंह,रामशंकर, कृष्णादेव, प्रेम,रामकुमार, प्रहलाद समेत सैकड़ों कार्यकर्ता और मजदूर उपस्थित थे।