जशपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कमरों में बैठकर कर रहे गोलमाल..मैदानी कर्मचारी मौज मस्ती में लीन.. स्वास्थ्य केंद्र में वार्ड बॉय कर रहे इलाज..कोरोना काल में मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़, जिम्मेदार मौन
मुकेश अग्रवाल पत्थलगांव। जशपुर जिले में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले की स्याही अभी सूखी भी नहीं है वहीं फिर से स्वास्थ्य विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ डॉक्टर एवं कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्रों से नदारद हो मौज मस्ती में मशगूल हैं। शासन द्वारा करोड़ों रुपए के चिकित्सीय उपकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दिए जा रहे हैं किंतु अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के अभाव में जांच के नाम पर खानापूर्ति के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मिलने वाली सामग्री बेड ,तकिए अधिकारियों के घरों में नजर आ रहे हैं । इन सब की ओर जिले में बैठे अधिकारी कभी भी नजर घुमाना तो दूर मौके पर पहुंचते ही नहीं है। जहां ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए सरकार करोड़ों रुपए के आवंटन कर रही है सरकार भले ही आम आदमी की सेहत के लिए फिक्रमंद हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से सामने आए है जहां एक ओर पहले से ही स्वास्थ्य सुविधा चरमराई हुई है तो वही दूसरी ओर फिर एक बार कुव्यवस्था का नजारा देखने को मिला है । मामला पत्थलगांव विकासखंड का कुकरगांव का ग्रामीण अस्पताल की जहां की व्यवस्था यूं कहें तो भगवान भरोसे चल रही है जहां पदस्थ डॉक्टर यहां नही पहुंचते जिसके कारण ग्रामीणों का सही इलाज नही हो पाता है ।जहां डॉक्टर की जगह पर वहां पदस्थ वार्ड बॉय भूपेंद्र पैंकरा जिसका कार्य साफ सफाई का है। जबकि वह पूरे चिकित्सिय कार्य को संभालता है । यहां पदस्थ डॉक्टर नही आने की वजह से वार्ड बॉय के द्वारा ही ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की जाती है साथ ही उन्हें ड्रेसिंग, इंजेक्शन से लेकर दवाई देने तक का कार्य वार्ड बॉय द्वारा किया जाता है । जो एक गंभीर समस्या है । जिससे लंबे समय से ग्रामीणों को इस परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है । यही नही वार्ड बॉय द्वारा गाँव मे घर जाकर भी इलाज किया जाता है स्थानीय ग्रामीणों ने इस बारे में कई बार मौखिक शिकायत भी की है बावजूद ऐसे पदाधिकारी गंभीर नही हुए । यहां के ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर पदस्थ होने के बाद भी यहां नही आते उनकी जगह पर वार्ड बॉय व नर्स के भरोसे ग्रामीणों का इलाज चल रहा है । वार्ड बॉय द्वारा ही ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है यहां तक कि ड्रेसिंग करने, इंजेक्शन लगाने से लेकर डॉक्टर के सभी काम वार्ड बॉय द्वारा ही किए जाते हैं ।जबकि वार्ड बॉय का काम सफाई करने का है लेकिन इस ओर शिकायत के बाद भी जिले का स्वास्थ्य विभाग मौन पड़ा है । वार्ड बॉय भूपेंद्र पैंकरा का कार्य मरीज से जुड़े साफ सफाई का होता है लेकिन यहां का वार्ड बॉय प्रशासनिक लापरवाही के कारण डॉक्टर बनकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। हालांकि इस पर भूपेंद्र पैकरा से पूछे जाने पर उनका कहना है कि ऐसा करने के लिए उसे वहां पदस्थ डॉक्टर द्वारा कहा गया है जिसके कारण वो ऐसा करता है । ग्रामीणों का आरोप है कि भूपेंद्र पैंकरा अपना एटेंडेंस बनाकर गांव में घूम-घूमकर इलाज भी करते है । इतना ही नही ड्यूटी से नदारत होकर फोर व्हीलर गाड़ी से भाड़ा भी कमाने चल देता है । वार्ड बॉय का इलाज करते हुए का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल भी हो रहा है ।
क्या कहते है बीएमओ डॉ जेम्स मिंज
इस पूरे गंभीर मसले पर जब हमने ब्लॉक के बीएमओ डॉ जे मिंज से इस बारे बात की तो उन्होंने कहा की उन्हें इस बारे जानकारी ही नही है मीडिया के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है जिस पूरे मामले की जांच कर उन्होंने कार्रवाई की बात कही है ।
बहरहाल प्राथमिक स्वास्थ्य कुकरगांव में यह नजारा कई महीनों से बना हुआ है जहां वार्डबॉय के भरोसे अस्पताल छोड़कर डॉक्टर सहित अन्य स्टॉफ रफूचक्कर हैं अब देखना होगा कि ऐसे गंभीर मामले में क्या कार्रवाई हो पाती है ? की जसपुर स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले की तरफ जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति होती रहेगी पूरे जशपुर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसी तरह छोटे कर्मचारियों के भरोसे अस्पताल को छोड़कर कर्मचारी अपने निजी कार्यों को करने में मशगूल हैं केवल महीने में एक दिन स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचकर केवल खानापूर्ति की जाती है इन कर्मचारियों के ऊपर लगाम लगाने के लिए बैठाए गए उच्च अधिकारी कभी भी इन स्वास्थ्य केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करना तो दूर झांक कर भी नहीं देखते हैं। आखिर शासन की करोड़ों रुपए की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास में इन अधिकारियों की भूमिका के कारण जमीनी हकीकत में जीरो नजर आती है और शासन की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं।