स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा के बाद जूनियर डॉक्टरों काम पर वापस.. सुधार ना होने तक काली पट्टी बांधकर करेंगे काम
रायपुर । जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज और अंबेडकर अस्पताल में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल फिलहाल के लिए स्थगित हो गई है। छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुधवार देर रात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से हुई बातचीत के बाद यह फैसला किया। हालांकि एसोसिएशन ने कहा है, वे लोग स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासनों पर काम होते हुए दिखने तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। अगर उनकी मांगों पर काम नहीं हुआ तो एक मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार रात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मंत्री के सामने अपनी मांगें रखीं। उन परिस्थितियों की जानकारी दी जिसकी वजह से उन्हें हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, इस समय हम कोरोना संक्रमण के कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इस वक्त डॉक्टरों का स्थान भगवान के समान है। आप लोग अपनी सेवाएं जारी रखें। सरकार डॉक्टरों की कार्य परिस्थितियों को बेहतर बनाने और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने पहल करेगी। बैठक के बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ. प्रेम चौधरी ने बताया, स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ मांगों को तुरंत हल करने का आश्वासन दिया है।
वहीं कुछ मांगों को एक समय सीमा में पूरा कराने की बात कही है। इसमें कोरोना वार्ड की अव्यवस्था और डॉक्टरों को होने वाली परेशानी को तुरंत ही दूर करने बात शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना ड्यूटी के बाद डॉक्टरों को सात दिनों का आइसोलेशन पीरियड देने की मांग मान ली है। डॉ. चौधरी ने बताया, हम आज से ड्यूटी जॉइन कर रहे हैं, लेकिन जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं हम लोग काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।
ICMR के दिशानिर्देशों के मुताबिक व्यवस्था
जूनियर डॉक्टरों के साथ बातचीत के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड एरिया और डॉक्टरों के ड्यूटी रूम में दो दिनों के भीतर एयर कंडीशंस की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। वहीं डोनिंग और डफिंग एरिया (वह कमरा जहां कोविड वार्ड में जाने से पहले डॉक्टर पीपीई किट आदि पहनते और निकालते हैं) को ICMR के दिशा निर्देशों के मुताबिक तैयार करने का भी आश्वासन मिला है।
दो दिन से हड़ताल पर थे जूनियर डॉक्टर
रायपुर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को हड़ताल कर दिया था। उनका कहना था, उन्हें खराब गुणवत्ता के पीपीई किट, मास्क और सर्जिकल ग्लव्स पहनकर कोरोना ड्यूटी को मजबूर किया जा रहा है। इसकी वजह से उनमें आधे से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टरों को अवैतनिक अवकाश के लिये मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए मानव संसाधन बढ़ाने, सुरक्षा, इंसेटिव, स्टायफंड और समय से परीक्षा कराने की भी मांग रखी थी।