सूरजपुर

चारो की अर्थी उठी एक साथ तो रो पड़े पुरे गाँव के लोग हो गए पंचतत्व में विलीन साथ ही छोड़ गए कई सवाल

जे.पी.मिश्रा
सूरजपुर:- सूरजपुर के माता कर्मा चौक पर गुरुवार शाम को हुए सड़क हादसे में एक पूरा परिवार दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें दो मासूम सहित माता पिता सभी अपना जीवन गवा बैठे यह हादसा जब हुआ तो पूरे अंचल सहित शहर में आग की तरह फैल गया और जन आक्रोश का रूप धारण कर लिया घटना की खबर लगते ही जिला चिकित्सालय में आम आदमी सहित नेता से लेकर अधिकारियों का जमावड़ा सा लग गया लाख प्रयासों के बाद भी उनमें से किसी को भी बचाया नहीं जा सका।
गौरतलब है कि चारों एक ही परिवार के लोग थे ग्राम पास्ता विकासखंड रामानुज नगर के निवासी थे गुरुवार को चारों एक साथ स्कूटी पर अंबिकापुर गए थे अंबिकापुर से वापसी में सूरजपुर के प्रवेश द्वार माता कर्मा चौक पर मौत उनका इंतजार कर रही थी सूरजपुर की ओर से आ रहे एक ट्रक ने उनको सीधी टक्कर मार दी जिससे चारों ही गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें जिला चिकित्सालय लाया गया माता पिता और एक बच्ची तत्काल मौत हो गई एक मासूम बच्चे को नाजुक स्थिति में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया किंतु देर रात उसने भी दम तोड़ दिया इस तरह पूरा परिवार एक झटके में ही खत्म हो गया किंतु बहुत सारे सवालों को जन्म दे गया जैसे गलती किसकी थी? इसका जवाब हमने खोजने की कोशिश की है।

जब उनके गृह ग्राम से एक साथ अर्थी उठी तो रो पड़ा पूरा गांव

इस दुर्घटना में एक पूरा परिवार ही खत्म हो गया जब पूरे परिवार की अर्थी उनके गांव पस्ता से श्मशान घाट ले जाने को उठी तो अर्थी के पीछे पूरा गांव उमड़ पड़ा सभी की आंखों में आंसू थे खत्म हुए परिवार के मां ने कहा कि भगवान तूने मुझे क्यों नहीं उठा लिया पूरा परिवार बिलख बिलख कर रो रहा है साथ ही पूरा गांव गम में डूबा हुआ है सूरजपुर शहर की बात करें तो हर आदमी के जुबां पर इस दुर्घटना की चर्चा हो रही है साथ ही आम जनों में प्रशासन के विरुद्ध गुस्सा साफ साफ दिखाई दे रहा है अब देखने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन इस घटना से कुछ गंभीर ठोस कदम उठाता है या नहीं या और समय गवा कर आम आदमी की जीवन को असुरक्षित बनाए रखता है यह देखने वाली बात होगी।

सूरजपुर के यातायात प्रभारी ढलान नुमा रोड को बता रहे हैं हादसे होने का कारण

सीपी राय यातायात प्रभारी सूरजपुर का कहना है कि सेवा कुंज के पास सड़क दोनों तरफ से बहुत अधिक ढलान है जिसकी वजह से गाड़ियों की रफ्तार तेज रहती है इसलिए दुर्घटना होती है। किंतु लाख टके का सवाल यह है कि दुर्घटना होने के पहले माता कर्मा चौक पर किसी भी तरह की बेरी केटिंग लाइटिंग मुस्तैदी इत्यादि व्यवस्था कुछ भी नहीं थी दुर्घटना के बाद से ही जिले के आला अधिकारी माता कर्मा चौक पर जाते हैं और जायजा लेते हैं उसके बाद बेरी केटिंग लाइटिंग इत्यादि की व्यवस्था करते हैं और बाद में और चाक-चौबंद व्यवस्था करने की बात करते हैं अगर यही व्यवस्था पहले से की गई होती तो शायद एक परिवार खत्म ना हुआ होता।

माता कर्मा चौक पर हुई दुर्घटना में एक पूरा परिवार खत्म हो गया उस परिवार के प्रति मेरी पूरी संवेदना है दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है माता कर्मा चौक को चिन्हित किया गया है और बेहतर क्या किया जा सकता है इस पर काम किया जा रहा है मैं अपील करता हूं कि सभी लोग गाड़ी को धीमी गति से चलाएं साथ ही दो पहिया वाहन में हेलमेट लगाकर चलें।

हरीश राठौर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरजपुर

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